Jharkhand: मात्र 15 सौ रुपये में सोलर पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर, 3 दिनों तक ताजी रहेंगी मछलियां
Ranchi BIT Mesra News पॉलिटेक्निक बीआइटी मेसरा की टीम ने सस्ती और किफायती रेफ्रिजरेटर तैयार की है। मछली विक्रेता पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर में 10 किलो मछली रख सकते हैं। 15 डिग्री सेल्सियस पर इन मछलियों को रखा जाता है।
रांची, [शक्ति सिंह]। अब मछली विक्रेताओं की मछलियां ज्यादा देर तक फ्रेश रहेंगी। जल्द खराब नहीं होंगी। कम लागत में मछलियों को ज्यादा देर तक ताजा रखा जा सकेगा। खुदरा मछली विक्रेता मात्र 1500 रुपये के सोलर पोर्टेबल रेफ़्रिजरेटर के माध्यम से मछलियों को खराब होने से बचा सकते हैं। इसके लिए उन्हें बर्फ या रेफ्रिजरेटर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि सौर ऊर्जा की मदद से मछलियों को अगले 72 घंटे तक ताजा रख सकते हैं।
यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक बीआइटी मेसरा की टीम ने किया है इसे तैयार
यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक, बीआइटी मेसरा की टीम ने एक ऐसा ही सोलर पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर को तैयार किया है जिसकी मदद से मछलियां 3 दिनों तक खराब नहीं होती है। 15 डिग्री सेल्सियस पर इन मछलियों को रखा जाता है। सोलर थर्मोइलेक्ट्रिक रेफ्रिजरेटर सिस्टम को बनाने में पॉलिटेक्निक बीआइटी मेसरा रांची के मैकनीकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. एसएस सोलंकी, प्रो. मनोज कुमार, प्रो. प्रभात रंजन महतो का अहम योगदान रहा है।
बर्फ में डाले जाते हैं हानिकारक कैमिकल वाले नमक
दरअसल मछली विक्रेता बर्फ को ज्यादा देर तक टिके रहने के लिए हानिकारक कैमिकल वाला नमक का इस्तेमाल करते हैं, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक और नुकसानदेह होता है। इसके सेवन से बर्फ वाली मछलियां लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं। क्योंकि नमक में हानिकारक केमिकल होने की कारण लोगों को मुश्किलों में डाल सकती है। संस्थान के निदेशक डॉक्टर संदीप सिंह सोलंकी और प्रोफेसर मनोज कुमार के सहयोग से सोलर पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर को तैयार किया गया है।
पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर में रखे जाते हैं मछली
पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर में 10 किलो मछलियों को रखा जा सकता है। पोर्टेबल मशीन की कीमत किफायती होने के कारण एक मछली विक्रेता दो से 3 पोर्टेबल खरीद सकता है।
तीन मछली विक्रेताओं को दिया गया है पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर
वर्तमान में संस्थान ने तीन मछली विक्रेताओं को टेस्टिंग के रूप में दिया है। इसका उपयोग मछली विक्रेता बखूबी ढंग से कर रहे हैं। संस्थान ने इस प्रोजेक्ट को राज्य सरकार को दिया है। मत्स्य विभाग के पदाधिकारियों ने भी इसका जायजा लिया है। पोर्टेबल की व्यवस्था को देख पदाधिकारी भी संतुष्ट दिखे।