रामेश्वर उरांव बोले- झारखंड में दिनोंदिन बढ़ रहा प्रदूषण, रोकने के उपाय नाकाफी
Jharkhand News Political Updates झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने पत्रकार प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिल की बात की। रांची प्रेस क्लब में उन्होंने कहा कि इंसानी जरूरतों और उत्पादन के बीच की रेखा को तय करना होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण को रोकने में सक्षम नहीं है। बोर्ड एनओसी देने और उसे रोकने मात्र का काम करने में जुटा है, जबकि बोर्ड का मुख्य काम प्रदूषण नियंत्रण होना चाहिए। गैर सरकारी संस्थाओं सीड और असर की ओर से पत्रकार प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उरांव ने कहा कि उद्योग और विकास से संबंधित अन्य कार्यों व कार्यक्रमों को रोका जा सकता है, लेकिन इंसानी जरूरतों और उत्पादन के बीच की रेखा को तय करना होगा।
प्रोडक्शन एवं पापुलेशन (उत्पादन और आबादी) के बीच सही तालमेल होने के बाद ही प्रदूषण पर नियंत्रण करना संभव होगा। कहा कि जब इंसान इन दोनों में संतुलन नहीं बना पाता है, तो प्रकृति नियंत्रण लगाती है। कोरोना यही है। उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ ग्रामीण स्तर पर होने वाले प्रदूषण पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार करने में कहीं कोई गुरेज नहीं कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपना मुख्य काम भूल चुका है।
कार्यक्रम में असर संस्था के सीओओ बृकेश कुमार, सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी की वैज्ञानिक प्रतिमा सिंह, डा. अत्री सिंह, सीड संस्था के रमापति आदि ने अपनी बातें रखीं। कार्यक्रम में रांची के अलावा कई जिलों के पत्रकार शामिल थे। रमापति ने बताया कि नेशनल क्लीन एयर एक्शन प्लान में झारखंड के तीन शहर रांची, धनबाद और जमशेदपुर को शामिल किया गया है। झारखंड सरकार ने आगे बढ़कर दुमका, पाकुड़, रामगढ़, हजारीबाग, चाईबासा और साहिबगंज का नाम भी शामिल किया है, जहां प्रदूषण कम करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है।