इस्लाम के चौथे खलीफा हजरत अली पर रोजे के 19वें दिन हुआ था तलवार से हमला, गम में डूबे रोजेदार
Ramadan 2021 अंजुमन जाफरिया के सदस्य तनवीर रिजवी बताते हैं कि 19 रमजान की रात शबे कद्र की रात है। इसी दिन सुबह की मस्जिद में इब्ने मुलजिम नाम के व्यक्ति ने हजरत अली अलैहिस्सलाम के ऊपर जहर से बुझाई गई।
रांची, जासं। Ramadan 2021 रमजान के पाक महीने में रोजे के 19वें दिन को दूसरे की मस्जिद में सुबह की नमाज में मुसलमानों के चौथे खलीफा हजरत अली अलैहिस्सलाम पर तलवार से हमला हुआ था। राेजे के 21वें दिन को हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत हुई थी। रविवार को रोजे के 19वें दिन को लेकर राजधानी रांची में हजरत अली की शहादत को लेकर गम मनाया जा रहा है। इस बार कोरोना के चलते कर्बला चौक स्थित मस्जिद ए जफरिया में मजलिस और जुलूस नहीं निकाला गया। शिया रोजेदारों ने अपने-अपने घरों में अपने परिवार के साथ मजलिस का आयोजन किया है।
नौहाखानी की और इमाम अली अलैहिस्सलाम का गम बनाया। अंजुमन जाफरिया के सदस्य तनवीर रिजवी बताते हैं कि 19 रमजान की रात शबे कद्र की रात है। इसी दिन सुबह की मस्जिद में इब्ने मुलजिम नाम के व्यक्ति ने हजरत अली अलैहिस्सलाम के ऊपर जहर से बुझाई गई। तलवार से हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया था। इसके बाद रोजे के 21वें दिन उनकी शहादत हुई थी। शिया मुसलमान हर साल रमजान के महीने में रोजे के 19वें दिन से 21वें दिन तक गम मनाते हैं। मजलिस और नोहा खानी होती है। पर, इस साल कोरोना के चलते सामूहिक तौर पर मजलिस नहीं हो रही है। बल्कि रोजेदार अपने घरों में गम मना रहे हैं।
शिया मुसलमानों ने पहले काले कपड़े
हजरत अली अलैहिस्सलाम की शहादत के गम में शिया मुसलमानों ने रोजे के 19वें दिन यानी रविवार से काले कपड़े पहन लिए हैं। शिया मुसलमान रोजे के 21वें दिन तक गम मनाते हैं। इस दौरान वह काले कपड़े पहने रहेंगे। घरों में अच्छे पकवान भी नहीं बनाए जाएंगे।