रांची स्टेशन पर रेलवे को है बड़े हादसे का इंतजार
रांची रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म को ऊंचा करने का कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हर सप्ताह किसी न किसी यात्री को ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान चोटें आती रहती है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म को ऊंचा करने का कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हर सप्ताह किसी न किसी यात्री को ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान चोटें आती रहती है। हाल ही में एक महिला स्टेशन से ट्रेन खुलने के क्रम में प्लेटफॉर्म से सीधे ट्रैक पर गिर गई थी। शुक्र था ट्रेन के नीचे महिला नहीं आई। पिछले पांच वर्षो से प्लेटफॉर्म को ऊंचा करने की तैयारी चल रही है। इसके बावजूद इस मामले को रांची रेल मंडल गंभीरता से नहीं ले रहा है। लगता है रेलवे को किसी बड़े दुर्घटना का इंतजार है। प्लेटफॉर्म बन चुका है यात्रियों के लिए जानलेवा:
रांची रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म काफी खतरनाक हो चुका है। ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच का फासला करीब एक फीट है। यही नहीं प्लेटफॉर्म की सतह और ट्रेन की सतह के बीच तीन फीट का अंतर है। इससे यात्रियों को ट्रेन पर चढ़ने और उतरने में परेशानी होती है। यही नहीं कई बार ट्रेन खुलने के बाद यात्री ट्रेन को पकड़ने का प्रयास करते हैं। ऐसे में बड़ी दुर्घटना घट सकती है। नियम कहता है कि प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच का फासला कम होना चाहिए। प्लेटफॉर्म और ट्रेन की सतह भी बराबर होनी चाहिए, ताकि दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों को चढ़ने में परेशानी न हो। प्लेटफॉर्म का नहीं, ट्रैक की बढ़ा दी गई ऊंचाई :
रांची स्टेशन पर प्लेटफॉर्म तीन, चार, पांच और छह की व्यवस्था बिल्कुल सही है। लेकिन, जिस प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक यात्री ट्रेन पकड़ते हैं,उसी की स्थिति घातक बनी हुई है। इसके बावजूद रेलवे के पदाधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्लेटफॉर्म के बदले रेलवे ट्रैक की ऊंचाई बढ़ा दी गई। इस कारण प्लेटफॉर्म ट्रेन की सतह से तीन फीट नीचे हो गया है। स्टेशन को सुसज्जित करने की दिशा में होना था कार्य :
स्टेशन को सुसज्जित करने का कार्य चल रहा है। पहले चरण का कार्य तो खत्म हो गया है। लेकिन दूसरे चरण में स्टेशन के प्लेटफॉर्म की सतह को ऊपर करना था। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई काम शुरू नहीं हुआ।