Railways News: रेलवे बोर्ड ने वापस लिया आदेश, 3 हजार कर्मियों को नहीं लौटाने होंगे साढ़े 4 करोड़ रुपये
Railways News रांची मंडल के 3000 कर्मियों को अब साढ़े चार करोड़ रुपये वापस नहीं करने होंगे। रेलवे बोर्ड ने पुराना रात्रि भत्ता वसूली का आदेश वापस ले लिया है। इससे रांची रेल मंडल के कर्मियों को राहत मिलेगी।
रांची, [मुजतबा हैदर रिजवी]। रांची मंडल के तकरीबन 3000 कर्मचारियों को रात्रि भत्ता के साढ़े चार करोड़ रुपये अब वापस नहीं करने होंगे। इस संबंध में रेलवे बोर्ड का आदेश आने के बाद रांची रेल मंडल के कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। ऐसा आदेश आ जाने से अब उन कर्मचारियों का डेढ़ लाख रुपया बच जाएगा जिनका बेसिक 43 हजार 600 रुपये से अधिक है। रेलवे बोर्ड के पुराने आदेश के अनुसार इन कर्मियों से 2017 से लेकर अब तक उनके द्वारा लिए गए रात्रि भत्ता की वसूली होनी थी।
गौरतलब है कि रात्रि ड्यूटी करने वाले रेल कर्मचारियों को रेलवे रात्रि भत्ता देती है। रेलवे बोर्ड ने फैसला किया था कि जिस रेल कर्मचारी की बेसिक 43 हजार 600 रुपये से ज्यादा है, उसे अब रात्रि भत्ता नहीं मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने एक जुलाई 2017 से इस फैसले को लागू करने की बात कही थी। इसके बावजूद रेलवे बोर्ड कई कर्मचारियों को रात्रि भत्ते का अब तक भुगतान करता रहा था।
पिछले महीने रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया था कि जिन कर्मचारियों को 2017 से लेकर अब तक रात्रि भत्ता का भुगतान हुआ है, उनसे यह रकम वापस ली जाएगी। रांची रेल मंडल में लगभग साढ़े 6000 रेल कर्मचारी हैं। इनमें से लगभग 3000 कर्मचारियों का बेसिक 43 हजार 600 रुपये से ऊपर है। यानी अब यह कर्मचारी रेलवे के नए आदेश के अनुसार रात्रि भत्ते के हकदार नहीं हैं।
रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक इन 3000 कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से अब तक मिले रात्रि भत्ते की रकम वापस करनी थी। इससे कर्मचारी टेंशन में आ गए थे। वो परेशान हो गए थे कि एक मुश्त डेढ़ लाख रुपये कहां से वापस करेंगे। देशभर के रेलकर्मी फैसले का विरोध कर रहे थे। रेल मंडल में भी रेलवे मेंस कांग्रेस के नेता इसके विरोध में कमर कसे हुए थे और प्रदर्शन भी हुआ। रेलवे बोर्ड को ज्ञापन भेजा गया। अब रेलवे बोर्ड ने मसले को समझते हुए 2017 से अब तक कर्मचारियों को दिया गया रात्रि भत्ता वापस नहीं लेने का आदेश जारी कर दिया है।
एक कर्मचारी को देने थे डेढ़ लाख रुपये
रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक नित्या लाल कुमार बताते हैं कि एक कर्मचारी को लगभग डेढ़ लाख रुपये वापस करने थे। कर्मचारी यह रकम कहां से वापस करते। इसीलिए कर्मचारी इसका विरोध कर रहे थे। वह बताते हैं कि इसके खिलाफ रेलवे मेंस कांग्रेस धरना-प्रदर्शन कर रही थी। लंबे आंदोलन की भी चेतावनी दी गई थी। अच्छा हुआ कि रेलवे बोर्ड ने अपना आदेश वापस ले लिया। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस भी राष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले का विरोध कर रही थी।