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3 हजार रेल कर्मियों को साढ़े 4 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश, कर्मचारियों में मची खलबली; जानिए क्‍या है पूरा मामला

Ranchi Rail Division Jharkhand रेलवे बोर्ड का आदेश आने के बाद रांची रेल मंडल के कर्मचारियों में खलबली मच गई है। कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। कर्मचारी इसे गलत फैसला बताते हुए फैसले को वापस करने की मांग कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 04:26 PM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर भी इस फैसले का विरोध हो रहा है।

रांची, [मुज्तबा हैदर रिजवी]। रांची रेल मंडल के तकरीबन 3000 कर्मचारियों को रात्रि भत्ता के साढ़े चार करोड़ रुपये वापस करने होंगे। इस संबंध में रेलवे बोर्ड का आदेश आने के बाद रांची रेल मंडल के कर्मचारियों में खलबली मच गई है। कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। कर्मचारी इसे गलत बताते हुए फैसले को वापस करने की मांग कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि रात्रि ड्यूटी करने वाले रेल कर्मचारियों को रेलवे रात्रि भत्ता देती है। रेलवे बोर्ड ने फैसला किया था कि जिस रेल कर्मचारी की बेसिक 43 हजार 600 रुपये से ज्यादा है। उसे अब रात्रि भत्ता नहीं मिलेगा। रेलवे बोर्ड ने एक जुलाई 2017 से इस फैसले को लागू करने की बात कही थी। इसके बावजूद रेलवे बोर्ड कई कर्मचारियों को रात्रि भत्ते का अब तक भुगतान करता रहा था।

अब रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि जिन कर्मचारियों को 2017 से लेकर अब तक रात्रि भत्ता का भुगतान हुआ है, उनसे यह रकम वापस ली जाएगी। रांची रेल मंडल में लगभग साढ़े 6 हजार रेल कर्मचारी हैं। इनमें से लगभग 3000 कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 43 हजार 600 रुपये से ऊपर है। यानी अब ये कर्मचारी रेलवे के नए आदेश के अनुसार रात्रि भत्ते के हकदार नहीं हैं। रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक इन 3000 कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से अब तक मिले रात्रि भत्ते की रकम वापस करनी होगी।

एक कर्मचारी को वापस करने होंगे डेढ़ लाख रुपये

रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक नित्या लाल कुमार बताते हैं कि एक कर्मचारी को लगभग डेढ़ लाख रुपये वापस करने होंगे। कर्मचारी यह रकम कहां से वापस करेगा, यह बड़ा सवाल है। इसलिए कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों की बात नहीं मानी तो लंबा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर फैसले का विरोध कर रही एनएफआइआर

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेंस भी राष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले का विरोध कर रही है। रेलवे मेंस कांग्रेस के शशि मिश्रा बताते हैं कि रेलकर्मी प्राकृतिक नियम के विरुद्ध रात में जाग कर सुरक्षा और संरक्षा का ध्यान रखते हैं। रेल परिचालन को सुचारू बनाते हैं। ऐसे में उसे रात्रि भत्ते से महरूम करना कहीं से भी उचित नहीं है। सरकार को रेल कर्मियों को रात्रि भत्ता देना ही होगा।

हटिया में बैठक कर मेंस कांग्रेस ने भरी हुंकार

रात्रि भत्ते के मुद्दे पर हटिया में दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस बोर्ड की बैठक हुई। इस बैठक में फैसला किया गया कि सरकार के रात्रि भत्ता नहीं देने के आदेश के विरोध में सभी रेलकर्मी एकजुट होकर आंदोलन करेंगे। सरकार से मांग की गई है कि वह अपना आदेश वापस ले। बैठक में रेलवे मेंस कांग्रेस के मंडल संयोजक प्रभारी, नित्या लाल कुमार, ब्रांच सचिव मनोज राय, इंटु गुप्ता सच्चिदानंद, रिमेश टोप्पो, वरीय कच्छप आदि मौजूद थे।


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