आरपीएन सिंह के भाजपा में जाने से कांग्रेस सतर्क, राहुल गांधी ने झारखंड के हालात की ली जानकारी
Rahul Gandhi Congress झारखंड कांग्रेस प्रभारी रहे आरपीएन सिंंह झारखंड में क्या गुल खिलाएंगे हर जुबान पर बस यही चर्चा है। इस बीच कांग्रेस आलाकमान सतर्क हो गया है। खुद बुधवार को राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से कई तरह की जानकारी ली।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंंह के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस आलाकमान काफी सतर्क हो गया है। बुधवार को नई दिल्ली में झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राहुल गांधी से मुलाकात की। झारखंड की ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से उन्हें अवगत कराया।
झारखंड में कांग्रेस पूरी तरह एकजुट
नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आरपीएन सिंह के भाजपा में जाने झारखंड की सियासत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आरपीएन सिंह को कांग्रेस ने पूरा मान-सम्मान दिया, लेकिन उन्होंने गलत निर्णय लिया। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड में कांग्रेस पूरी तरह एकजुट।
राहुल गांधी के नेतृत्व में सच्चाई की लड़ाई लड़ रही पार्टी
प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में सच्चाई की लड़ाई लड़ रही है, यह संघर्ष सिर्फ बहादुरी से ही लड़ी जा सकती है। भाजपा के झूठ और अत्याचार का सामना करने के लिए हिम्मत और ताकत चाहिए।
कांग्रेस किसी व्यक्ति विशेष से नहीं चलती
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नहीं, अपनी विचारधारा से एवं हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं की वजह से चलती है। कहा, हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं, किसी के जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
आरपीएन सिंंह के पार्टी छोड़ने से असर नहीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अनुसार, उन्होंने राहुल गांधी को झारखंड की मौजूदा राजनीतिक स्थिति से अवगत कराया। यहां के कांग्रेस विधायकों के मन की बात भी उन्होंने राहुल गांधी को बताई। राहुल गांधी से कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं। आरपीएन सिंंह के पार्टी छोड़ने से कोई असर नहीं पड़ेगा।
आरपीएन ने इस तरह पार्टी को बनाया मजबूत
मालूम हो कि डा. मनमोहन सिंंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में आरपीएन सिंंह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाए गए थे। लंबे समय से वह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे। कांग्रेस ने उन्हें झारखंड का प्रभारी बनाया था। इसके बाद झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को काफी सफलता दिलाई थी। यहां कांग्रेस के 16 विधायक चुने गए हैं। इतना ही नहीं बाबूलाल मरांडी की जेवीएम के दो विधायकों को भी कांग्रेस में उन्होंने लाकर पार्टी की स्थिति मजबूत बनाई थी।
इसलिए कांग्रेस छोड़कर चले गए आरपीएन सिंंह
राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनके कुछ खास लोगों को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। इससे वह नाराज चल रहे थे। कांग्रेस आलाकमान को सबक सिखाने के लिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी। इससे भाजपा को चुनावी मौसम में फायदा तो हुआ ही, आरपीएन सिंंह को भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रत्याशी बनाने की भी घोषणा कर दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य वहीं नेता हैं जो चंद माह पहले योगी आदित्यनाथ के मंत्रीमंडल में मंत्री हुआ करते थे। अब वह समाजवादी पार्टी के साथ चले गए हैं। आरपीएन सिंंह और स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच इस बार चुनावी दंगल होना है।
उनके जाने से झारखंड में इस बात का है डर
आरपीएन सिंंह के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उनके प्रिय कांग्रेसी विधायक भी कहीं पाला बदल कर भाजपाई नहीं हो जाएं। आरपीएन सिंंह के प्रभाव से कहीं ऐसा होता है तो झारखंड में सियासी उथलपुथल मच सकती है। क्योंकि यहां कांग्रेस विधायकों के समर्थन से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार चल रही है।
कांग्रेस ने भी इसलिए दिखाई जल्दी, अविनाश को बनाया प्रभारी
उधर, संभवत: इसी आशंका के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान ने मंगलवार को आरपीएन सिंंह के पार्टी छोड़ने के कुछ घंटे बाद ही झारखंड में नए प्रभारी की तैनाती कर दी। नए प्रभारी अविनाश पांडेय कांग्रेस के पुराने नेता है। नागपुर के रहने वाले हैं। इस समय उत्तराखंड चुनाव में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।