सरयू राय को सही समय का इंतजार, खोलेंगे रघुवर सरकार की पोल- करेंगे 100 मामलों का खुलासा
Saryu Roy. झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने फिलहाल इस्तीफा टाल दिया है। उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू को सरकार से जुड़े अफसरों की गड़बडिय़ों का कच्चा चिट्ठा सौंपा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। अलग-अलग मामलों को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से नाराज चल रहे खाद्य आपूर्ति मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सरयू राय को सही समय का इंतजार है। सरकार की पोल-पट्टी खोलते हुए वे एक साथ 100 से अधिक मामलों का खुलासा करेंगे। राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करनेवाले तथ्यों के साथ उन्होंने कई ओहदेदार और मंजे हुए आइएएस पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। इस कड़ी में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने बीते शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर राज्य के भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों द्वारा लिए जा रहे गलत निर्णयों व उनके द्वारा की जा रही गड़बडिय़ों की जानकारी दी है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के फैसले को फिलहाल टाल दिया है।
गलत कार्यों की सरयू के पास लगभग 100 जानकारियां
मंत्री सरयू राय ने कहा कि वर्ष 2016 से उन्होंने फाइलों में आइएएस पदाधिकारियों द्वारा किए गए गलत कार्यों को जो महसूस किया है उनमें से सात-आठ मामलों की नोटिंग बनाकर राज्यपाल को दी है। उनके पास ऐसे 100 से अधिक मामलों की जानकारी है, जिनमें पदाधिकारियों ने नियमों तथा कानून के शासन का उल्लंघन किया है। चूंकि राज्यपाल संवैधानिक रूप से सरकार के मुखिया हैं, इसलिए उन्होंने उनसे आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। राज्यपाल ने सभी मामलों का अध्ययन कर उनपर उचित निर्णय लेने का भरोसा दिया है।
महाधिवक्ता पर कार्रवाई नहीं होने पर भी नाराज
मंत्री सरयू राय महाधिवक्ता अजित कुमार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होने पर भी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि जिस महाधिवक्ता को मंत्रिपरिषद नियुक्ति करती, वही मंत्रिपरिषद के एक सदस्य के विरुद्ध बार काउंसिल में निंदा प्रस्ताव लाता है। जब मंत्री द्वारा उनके विरुद्ध कार्रवाई को लिखा जाता है तो स्पष्टीकरण तक नहीं पूछा जाता। ऐसे में तो मंत्रिपरिषद में उनके लिए रहना लज्जाजनक है।
रघुवर सरकार में नहीं चल रहा सब ठीक-ठाक
सरकार के क्रियाकलापों से राज्यपाल को अवगत कराते हुए कहा कि यहां सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। राज्य सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में उनके द्वारा उठाए गए सवालोंं पर कार्रवाई करने के लिए मंत्री सरयू राय ने 28 फरवरी तक का समय भारतीय जनता पार्टी को दिया था। कहा था कि वर्तमान परिस्थिति में उनके लिए मंत्रिपरिषद में बने रहना लज्जाजनक है। यदि पार्टी कोई निर्णय नहीं लेती तो वे इस्तीफा दे देंगे। इससे कयास लगाया जा रहा था कि वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपना फैसला बदल लिया। राय ने कहा कि पहले वे राज्यपाल से कुछ और एजेंडा को लेकर मिलनेवाले थे, लेकिन उन्होंने अपना एजेंडा बदल लिया।
झामुमो ने कहा कार्रवाई करें राज्यपाल
राज्यपाल से मंत्री की मुलाकात पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी महासचिव सुप्रियो भïट्टाचार्य ने कहा कि यह गंभीर मामला है। राज्य सरकार का मंत्री ही सरकार की गड़बडिय़ों के खिलाफ सबूत दे रहा है। इससे बढ़कर कोई गंभीर बात नहीं हो सकती। राज्यपाल इस मामले की संजीदगी को समझते हुए तत्काल कदम उठाए। उन्हें इस संबंध में की गई कार्रवाई से भी अवगत कराना चाहिए।
मंगल पांडे ने दिया 6 मार्च के बाद का समय
बकौल सरयू राय, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उन्होंने 8 फरवरी को पत्र लिखा था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल को रांची भेजा था। रामलाल ने भी इसके लिए प्रदेश के लोकसभा प्रभारी सह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को अधिकृत कर दिया। कहा, अब प्रदेश लोकसभा प्रभारी के पास समय ही नहीं है। उन्होंने फोन पर उनसे बात की है और उन्होंने 6 मार्च के बाद समय देने को कहा है। मंत्री सरयू राय के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने कहा है कि चुनाव के समय ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। इससे सरकार की बदनामी होती है। पार्टी नेतृत्व की बात को मानना भी उनका कत्र्तव्य है। जब पार्टी नेतृत्व कोई कदम उठा रहा है तो उन्हें भी इंतजार करना चाहिए। कहा, उम्मीद है कि प्रदेश लोकसभा प्रभारी की व्यस्तता खत्म होने के बाद वे कुछ निर्णय अवश्य लेंगे।