नमी बढ़ी तो धान-मूंग और सब्जियों पर लगने गले कीट, पौधों से गिर रहे फूल
बरसात में सब्जियों फसलों व दूसरे फलों पर कीटों का प्रकोप बढ़ गया है।
जागरण संवाददाता, रांची : बरसात में सब्जियों, फसलों व दूसरे फलों पर कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। रोपनी के बाद धान के पौधों पर उड़ने वाले छोटे कीटों का हमला हो रहा है। शुक्रवार को बिरसा कृषि विवि के कीट वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन कार्यक्रम में किसानों को फसलों के बेहतर प्रबंधन की सलाह दी। वर्तमान में खेतों में धान, मूंग, मकई, सब्जियों में नेनुआ, खीरा, लौकी, करैला, भिंडी, टमाटर, शिमला मिर्च आदि लगे हुए हैं। बीएयू के कीट विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. पीके सिंह ने बताया कि बरसात के दिनों में कीटों का प्रकोप बढ़ना सामान्य है। ऐसा नमी और मौसम में बदलाव के कारण होता है। फसलों में थ्रिप्स कीड़े का प्रकोप देखा जा रहा है जो फूलों के रस को खत्म कर देते हैं। इससे फूल पौधे से गिर जाते हैं। साथ ही सफेद मक्खी का प्रकोप भी खेतों में देखा जा रहा है। यह आकार में काफी छोटी होती हैं। इसे सुबह में पत्तियों के नीचे देखी जा सकती हैं। यह कीट पीला मौजैक बीमारी फैलाती है। दोनों कीटों से फसलों व फलों का बचाव जरूरी है।
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रोग से ग्रसित पौधे को उखाड़कर नष्ट कर दें
डॉ. पीके सिंह ने बताया कि सबसे पहले पीला मौजेक रोग से ग्रसित पौधे को उखाड़कर नष्ट कर दें। फसल पर एक ग्राम थाइमेथाकसम को तीन लीटर पानी में या एक मिली इमिडाक्लोराइड को दो लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। खेत में खड़ी मकई फसल में तना छेदक कीट का आक्रमण देखा जा रहा है। इस कीट का पिल्लू मकई पौधे के तना को छेदकर आतंरिक भागों को खा जाते है। इससे बचाव के लिए दानेदार कीटनाशी दवा फिप्रानिल 0.3 जी या कारबोफ्युरान 3 जी का 8 -10 दाना का व्यवहार पत्तियों के उपरी चक्र में करना लाभदायक होगा। शाम में करें कीटनाशक का छिड़काव
फसल पुष्पावस्था में हो और फूल मुरझा कर गिर रहे हों तो बचाव के लिए कीटनाशी दवा ट्राइजोफोस या प्रोफेन्फोस का छिड़काव करें। शाम के समय मौसम साफ रहने पर छिड़काव करें।
लत्तेदार सब्जियों जैसे नेनुआ, खीरा, लौकी, करैला तथा अन्य सब्जियों में भिंडी, टमाटर, शिमला मिर्च आदि में लाल भृंग, फल मक्खी या लाल मकड़ी का प्रकोप देखने को मिल रहा है।
यदि पौधों में फल लगना शुरू हो गया हो तो नीम से बना कीटनाशी जैसे नीमेरीन, नीमेसिडीन में से किसी एक दवा का पांच मिली को प्रति लीटर पानी में मिलाकर मौसम साफ रहने पर छिड़काव करना चाहिए।