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एचईसी में मंद है उत्पादन की रफ्तार

रांची लॉकडाउन में मिली छूट के बाद मंगलवार से एचईसी के तीनों प्लांटों में रफ्तार कम है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 02:44 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 06:18 AM (IST)
एचईसी में मंद है उत्पादन की रफ्तार
एचईसी में मंद है उत्पादन की रफ्तार

जागरण संवाददाता, रांची :लॉकडाउन में मिली छूट के बाद मंगलवार से एचईसी के तीनों प्लांटों को खोल दिया गया है। इसमें प्रतिदिन मौजूद कामगारों में से केवल 30 फीसद लोगों को ही काम पर बुलाया जा रहा है। मगर चार दिन के बाद भी प्लांटों में टार्गेट उत्पादन और कार्य काफी धीमी गति से हो रहा है। ज्यादातर मजदूर कोरोना संक्रमण के भय से काम करने से कतरा रहे हैं। लॉकडाउन के पहले एचईसी ने कई ऐसी मशीन और उपकरण भी बंद किए थे जिन्हें चालू रखना अनिवार्य था। इसमें सबसे महत्वपूर्ण एफएफपी के बड़े फर्नेश, गैस प्लांट और कुछ मशीनें थी। कंपनी के द्वारा इसे तय समय में चालू करना भी एक बड़ी चुनौती है। मगर कम वर्क फोर्स का हवाला देते हुए कंपनी के अधिकारी तय समय से ज्यादा वक्त लगने की बात कह रहे हैं। ऐसे में निश्चित है कि कंपनी में उत्पादन कार्य शुरू होने में अभी काफी वक्त लगेगा।

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मजदूरों के बकाए वेतन का हो भुगतान

जागरण संवाददाता, रांची : लॉकडाउन में विभिन्न कंपनियों के ठेका मजदूरों के सामने समय पर वेतन नहीं मिलने से बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। लॉकडाउन के कारण मंहगाई में भी इजाफा हुआ है। एचईसी की पहले से वित्तीय हालत अच्छी नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन में अपने कर्मचारियों और मजदूरों को वेतन देना उसके लिए बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही बीएसएनएल के ठेका मजदूरों को पिछले 10 महीने से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उनके घर की हालत समझी जा सकती है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के एक दिन का वेतन पीएम केयर फंड में दिया मगर जिन कंपनियों में वेतन का भुगतान हुआ ही नहीं उनके पैसे पीएम केयर फंड में कैसे जाएंगे। इस बारे में बोलते हुए मजदूर यूनियन सीटू के नेता भवन सिंह ने कहा कि मजदूरों की हालत पतली है। अब ये केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की सरकार को तय करना है कि कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति के बाद भी मजदूरों को कैसे दिया जाए।


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