यहां पारा शिक्षकों ने भाड़े पर रखे प्राइवेट ट्यूटर, जब मर्जी बंद कर देते हैं मिड डे मील; सोशल ऑडिट में खुलासा
नीलम देवी नाम की महिला कई माह से बच्चों का पठन-पाठन करा रही थी। विभाग ने इसे धोखाधड़ी का मामला मानते हुए कार्यरत दोनों शिक्षकों-पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया है।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सरकारी स्कूलों में संचालित मिड डे मील योजना की सोशल ऑडिट हुई, तो इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कई स्कूलों में यह महत्वाकांक्षी योजना सोशल ऑडिट के दौरान महीनों बंद मिली। संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीएसई) तथा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) को इसकी भनक तक नहीं मिली। अब रिपोर्ट मिलने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार पदाधिकारियों, शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय लिया है। वहीं, संबंधित विद्यालय प्रबंध समिति तथा सरस्वती वाहिनी माता समिति को भी भंग करने का आदेश दिया गया है। साथ ही, जितने दिन बच्चों को मिड डे मील नहीं मिला, उतने दिनों के लिए प्रतिपूर्ति भत्ता देने का आदेश दिया गया है।
पिछले दिनों सोशल ऑडिट पर हुई राज्य स्तरीय सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि गढ़वा के बरडीहा प्रखंड स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मझीगांव में 16 अगस्त 2018 से 31 जनवरी 2019 तक अर्थात लगातार चार माह मिड डे मील बंद रहा। इसी प्रखंड के एक अन्य स्कूल उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय आदर में वर्ष 2018-19 में तीन माह यह योजना बंद रही। गढ़वा के ही मेराल प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय खोरीडीह में 2 जनवरी 2019 से 28 जनवरी अर्थात 27 दिन लगातार मिड डे मील बच्चों को नहीं मिला।
इसी तरह, जामा के संथाल मध्य विद्यालय महरो में वर्ष 2018 के अप्रैल, मई, जून, जुलाई तथा नवंबर में मिड डे मील बंद था। जरमुंडी के मध्य विद्यालय सहारा में एक जनवरी 2018 से 26 जनवरी 2019 अर्थात एक वर्ष 25 दिन मिड डे मील बंद रहा। यहां भी छात्रों को प्रतिपूर्ति राशि देने, विद्यालय प्रबंध समिति व सरस्वती वाहिनी माता समिति को भंग करने तथा प्रधानाध्यापक तथा बीईईओ के विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। पाकुड़ के महेशपुर स्थित मध्य विद्यालय शहरग्राम में 15 दिसंबर 2018 से 14 फरवरी 2019 तक मिड डे मील बच्चों को नहीं मिला।
डीएसई व बीईईओ के विरुद्ध भी कार्रवाई
साहिबगंज के उधवा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय पतौड़ में 134 दिन राशि तथा 17 दिन चावल के अभाव में बंद पाया गया। विभाग ने जिला शिक्षा अधीक्षक को इसकी जांच का आदेश देते हुए जिम्मेदारी पदाधिकारियों की पहचान कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यदि चावल या राशि का समय पर आवंटन नहीं हुआ, तो तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक तथा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
शिक्षक के बदले पढ़ा रही थी दूसरी महिला
पलामू के चैनपुर स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बिचकाखाड़ में शिक्षक नियुक्त होने के बावजूद बदले में नीलम देवी नाम की महिला कई माह से बच्चों का पठन-पाठन करा रही थी। विभाग ने इसे धोखाधड़ी का मामला मानते हुए कार्यरत दोनों शिक्षकों-पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त कर रिपोर्ट देने को कहा है। इसी तरह, लातेहार के मध्य विद्यालय बरियातू में माता समिति की सदस्य संयोजिका रेखा कुंवर उसी स्कूल में रसोइया के रूप में भी काम कर रही थी। साथ ही, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत सहिया का भी काम कर रही थी। उसे संयोजिका तथा रसोइया पद से कार्यमुक्त करने का आदेश दिया गया है।