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कभी ठेका मजदूर थे पूर्व सीएम मधु कोड़ा, जानें-क्यों हुई बदनामी

पश्चिम सिंहभूम के पाताहातू में एक मजदूर परिवार में पैदा हुए कोड़ा का आरंभिक जीवन गरीबी में गुजरा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 10:35 AM (IST)
कभी ठेका मजदूर थे पूर्व सीएम मधु कोड़ा, जानें-क्यों हुई बदनामी
कभी ठेका मजदूर थे पूर्व सीएम मधु कोड़ा, जानें-क्यों हुई बदनामी

रांची, राज्य ब्यूरो। देश में घोटाले का पर्याय बने मधु कोड़ा के जीवन का उतार-चढाव रोचक रहा है। पश्चिम सिंहभूम के पाताहातू में एक मजदूर परिवार में पैदा हुए कोड़ा का आरंभिक जीवन गरीबी में गुजरा। वे ठेका मजदूर रह चुके हैं। शुरुआत ठेका मजदूरों की यूनियन से की। झारखंड गठन के बाद पहले चुनाव में उन्होंने सफलता का स्वाद चखा। वे पंचायती राज मंत्री बने। वे पहली बार भाजपा के टिकट पर जगन्नाथपुर से चुनाव लड़े थे।

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वे 2003 में अर्जुन मुंडा की सरकार बनने के बाद भी पंचायती राज मंत्री पद पर काबिज रहे। 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय दावेदारी की। इस चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अगुवाई में बनी सरकार का समर्थन किया।

निर्दलीय सीएम बन रचा इतिहास

सितंबर 2006 में मधु कोड़ा और अन्य तीन निर्दलीय विधायकों ने अर्जुन मुंडा की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई। बाद में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया। कोड़ा के नेतृत्व में सरकार बनाई, जिसमें झामुमो, राजद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, फॉरवर्ड ब्लॉक समेत तीन निर्दलीय विधायक शामिल थे। कांग्रेस ने उन्हें बाहर से समर्थन दिया था। वे भारत के किसी भी प्रांत के पहले निर्दलीय मुख्यमंत्री रहे। इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक आफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया।

करीबियों के कारण हुई काफी बदनामी

मधु कोड़ा के साथ रहकर कई लोग फर्श से अर्श तक पहुंच गए। विनोद सिन्हा उन्हीं में से एक था। कभी ट्रैक्टर स्कैम में शुमार विनोद सिन्हा मधु कोड़ा का काफी करीबी था। उसने समानांतर सत्ता चलाकर खूब कमाई की। बाद में उसे आय से अधिक संपत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसकी कई संपत्ति सीज कर ली गई।

दुबई की नागरिकता ले ली संजय चौधरी ने

मधु कोड़ा के एक अन्य करीबी संजय चौधरी का कारोबार खैनी बेचने का था लेकिन कोड़ा के साथ रहकर उसने देश-विदेश में खूब प्रापर्टी हासिल की। वह देश छोड़कर भाग गया। इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अनुसार अंडरहैंड डील से कमाए पैसों के जरिए थाइलैंड में उसने होटल खरीदे, लाइबेरिया में खदानें और दुबई में कंपनियां स्थापित कीं। इंडोनेशिया, लाओस और मलेशिया तक इनका जाल फैला है। फिलहाल उसने दुबई की रेसिडेंटशिप हासिल कर ली है। रेड कार्नर नोटिस के बावजूद भी वह सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ से दूर है।

पत्‍‌नी संभाल रही विरासत

मधु कोड़ा का आऱंभिक वैवाहिक जीवन विवादास्पद रहा। अभी उनकी पत्‍‌नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर से विधायक हैं। वह फिलहाल रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रही हैं।

पीआइएल के बाद सामने आया गोरखधंधा

दुर्गा उरांव ने हाई कोर्ट में पीआइएल दायर कर कोड़ा के घोटाले का साम्राज्य उजागर किया। इससे जांच का रास्ता खुला। कोड़ा गिरफ्तार कर लिए गए। उन्हें पहली बार 30 नवंबर 2009 को पकड़ा गया।

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