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मानक पूरा नहीं कर रहे अधिकतर निजी विश्वविद्यालय, शो-कॉज भेजने की तैयारी

Jharkhand. राज्य सरकार द्वारा गठित चार कमेटियों की जांच रिपोर्ट के अनुसार कई विश्वविद्यालयों में आवश्यक आधारभूत संरचनाएं नहीं हैं। यहां योग्य शिक्षक भी नहीं हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 07:01 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 06:44 AM (IST)
मानक पूरा नहीं कर रहे अधिकतर निजी विश्वविद्यालय, शो-कॉज भेजने की तैयारी
मानक पूरा नहीं कर रहे अधिकतर निजी विश्वविद्यालय, शो-कॉज भेजने की तैयारी

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों में से अधिसंख्य विश्वविद्यालय राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक पूरे नहीं करते। जांच रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं। राज्य सरकार द्वारा गठित चार कमेटियों ने विश्वविद्यालयों की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को सौंप दी है। उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग कमेटियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है।

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इसके आधार पर सभी विश्वविद्यालयों को निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने के लिए शो-कॉज किए जाने जाने की तैयारी चल रही है। विश्वविद्यालयों के जवाब के बाद उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, अधिसंख्य विश्वविद्यालय आधारभूत संरचना के मानक पूरे नहीं करते। कई विश्वविद्यालयों के तो अपने भवन तक नहीं बन पाए हैं, जबकि इसके लिए दो साल का समय दिया गया था। कुछ विश्वविद्यालयों में आवश्यक संख्या में शिक्षक नहीं हैं। योग्य शिक्षकों की भी कमी है।

डिप्लोमा, इंजीनियरिंग में स्वतंत्र नामांकन को नहीं मिलेगी छूट

निजी विश्वविद्यालयों को इंजीनियरिंग, डिप्लोमा व फार्मेसी पाठ्यक्रमों में स्वतंत्र नामांकन की छूट नहीं मिलेगी। उन्हें झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (जेसीईसीईबी) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं से ही नामांकन लेना होगा। उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के एक जिम्मेदार पदाधिकारी के अनुसार, विभाग ने विश्वविद्यालयों को जेसीईसीईबी से ही नामांकन लेने का आदेश सभी निजी विश्वविद्यालयों को दिया गया है। इस आदेश में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

राज्यपाल से लगाई थी गुहार, नहीं मिला कोई निर्देश

विभाग के इस आदेश के विरोध में निजी विश्वविद्यालयों का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने 2019-20 सत्र से इस आदेश को लागू नहीं कराने का आग्रह करते हुए कहा कि जेसीईसीईबी ने परिणाम काफी देर से प्रकाशित किया है, जबकि विश्वविद्यालयों में काफी पहले से ही इंजीनियरिंग एवं डिप्लोमा में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
किसी विश्वविद्यालय में नामांकन हो गया है, तो किसी में पढ़ाई भी शुरू हो गई है। ऐसे में इस सत्र से जेसीईसीईबी से नामांकन लेना न्यायोचित नहीं है। बताया जाता है कि राजभवन ने इसपर किसी तरह का निर्देश अभी तक उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास को नहीं दिया है।

एक्ट में जेसीईसीईबी से नामांकन लेने का है प्रावधान

बताया जाता है कि निजी विश्वविद्यालयों से संबंधित अधिनियम में ही डिप्लोमा, इंजीनियरिंग, फार्मेसी आदि में जेसीईसीईबी से नामांकन लेने का प्रावधान किया गया है। लेकिन, अभी तक निजी विश्वविद्यालय स्वतंत्र नामांकन ले रहे थे। इस सत्र के लिए भी कई विश्वविद्यालयों ने नामांकन ले लिया है।


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