कैदियों पर भी लॉकडाउन की मार, जेल से कैसे छूटें, नहीं मिल रहे मनपसंद वकील
राची होटवार जेल में बंद कैदियों पर भी कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है। कैदियों को पसंद के वकील नहीं मिल रहे।
जागरण संवाददाता, राची : होटवार जेल में बंद कैदियों पर भी कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है। कैदियों को खाने-पीने की चिंता नहीं बल्कि जेल से कैसे निकलें इसकी चिंता है। जब से लॉकडाउन हुआ है कैदियों की अपने परिजनों से मुलाकात नहीं हो पा रही है। वहीं, वकीलों ने भी कोर्ट से दूरी बना ली है। वीडियो काफ्रेंसिंग से ही केस की पैरवी कर रहे हैं। ऐसे में कैदी अपने मनपसंद वकील से संपर्क ही नहीं कर पा रहे हैं। कैदियों को अब यह चिंता सता रही है कि बढि़या वकील नहीं होने के कारण अदालत में कहीं उसका पक्ष कमजोर न हो जाए।
कैदियों ने की प्रार्थना, हमें दिलाएं वकील
अप्रैल एवं मई माह में होटवार जेल में बंद 303 कैदियों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार(डालसा) को आवेदन देकर वकील उपलब्ध कराने की प्रार्थना की। डालसा सचिव अभिषेक कुमार के निर्देश पर सभी कैदियों को पैनल वकील उपलब्ध कराया गया। वहीं, 21 कैदियों को मनपसंद वकील से संपर्क कराया गया। होटवार जेल में हैं कैदी
2838 सजायाफ्ता और अंडर ट्रायल कुल कैदी हैं होटवार जेल में
1500 अंडर ट्रायल कैदी हैं होटवार जेल में
154 कैदियों को डालसा के सहयोग से राची सिविल कोर्ट की विभिन्न अदालतों से मिला बेल (सात साल से कम सजा पाये कैदियों को)
54 कैदी ऐसे जो बेल बाउंड के अभाव में बेल मिलने के बाद भी जेल में रह रहे थे, डालसा की विधिक सहायता से आ सके बाहर
16 बाल कैदियों को सशर्त बेल दिया गया है लॉकडाउन के दौरान डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह से अभी क्या है स्थिति
सामान्य दिनों में प्रतिदिन फाइल होती है 25 से 30 बेल की अर्जी
राची व्यवहार न्यायालय के सभी 38 कोर्ट को मिला लें तो प्रतिमाह आते हैं करीब 2500 केस
सजा पाये 50 कैदियों की ओर से हाईकोर्ट और पाच कैदियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में फाइल की गई बेल अर्जी।
डालसा की बड़ी भूमिका
303 कैदियों ने डालसा को आवेदन दे लगायी मदद की गुहार
21 कैदियों को उनके मनपसंद वकील से कराया गया संपर्क
2500 कैदियों को विधिक सहायता पहुंचायी गई है 2019 में डालसा की ओर से