प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी को झारखंड में, रांची से पलामू तक परिंदे भी नहीं मार सकेंगे पर
Narendra Modi. प्रधानमंत्री के झारखंड आगमन को लेकर मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी ने सभी अधिकारियों को तैयारियों को लेकर जरूरी निर्देश दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच जनवरी को झारखंड में रहेंगे। पीएम के आगमन के मद्देनजर रांची से डालटनगंज तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इसे लेकर हर स्तर पर समीक्षा की जा रही है ताकि सुरक्षा में कहीं कोई चूक न रह जाए। प्रधानमंत्री मोदी का पलामू के चिआंकी में मुख्य समारोह है। वे पांच जनवरी को रांची एयरपोर्ट से हेलिकाप्टर से पलामू जाएंगे।
वहां हैलीपैड निर्माण व कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा में अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा के मसले पर ही विभिन्न स्तरों पर बैठकें हुईं। मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी ने अलग-अलग बैठक कर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को जाना। रांची से पलामू तक कितने सुरक्षा बल लगेंगे, इसका प्लान तैयार किया जा रहा है। समारोह स्थल पर कोई व्यवधान न हो, इसपर मंथन किया जा रहा है।
पलामू में आधे घंटे रुकेंगे पीएम, करेंगे परियोजना का शिलान्यास : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडल डैम परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास करने 5 जनवरी को पलामू आ रहे हैं। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना के शुरू होने से पलामू प्रमंडल समेत बिहार और झारखंड के कई जिलों की सुखाड़ की समस्या का हल निकलेगा। मंडल डैम के नाम से जानी जानेवाली उत्तर कोयल परियोजना बिहार व झारखंड की एक लाख 27 हजार हेक्टेयर भूमि को ङ्क्षसचित करेगी। दशकों से यह सिंचाई परियोजना अलग-अलग कारणों से अधर में थी। 5 जनवरी को पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पलामू में आधे घंटे रुकेंगे। स्थानीय चियांकी हवाई अड्डे पर सुबह 10.30 बजे उनका आगमन होगा। जबकि 11 बजे पीएम मोदी यहां से प्रस्थान कर जाएंगे।
पलामू के डीसी डॉ. शांतनु कुमार अग्रहरि के मुताबिक प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर विधि-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने का इंतजाम कर लिया गया है। प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में आने-जाने वाले हर वाहन पर निगाह रखी जा रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री के सुरक्षा मानकों के अनुसार तैयारियां की जा रही है। कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश के लिए के लिए डिजिटल प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। वहीं आम लोगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
पार्किंग के लिए कार्यक्रम स्थल के 500 मीटर के दायरे में 12 स्थानों को चिन्हित किया गया है। कार्यक्रम में 70 से 80 हजार लोगों के आने की संभावना है। इसी के मुताबिक तैयारी की जा रही है। रांची से आने वाले वाहनों की पार्किंग पूर्व दिशा की ओर की जाएगी, जबकि औरंगाबाद या गढ़वा से आने वाले वाहनों को हवाई अड्डा के पश्चिम दिशा में पार्किंग स्थल बनाया गया है।
शनिवार को डीसी, एसपी सहित अन्य वरीय अधिकारी पूरे समय कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे। इस क्रम में हैलिपैड से लेकर सेफ हाउस के निर्माण का जायजा लिया गया। डीसी ने बताया कि वैसे तो इस क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां घोषित है। बावजूद अब कोई स्कूल खुला है तो प्रबंधन से सुरक्षा दृष्टिकोण से बंद करने का आग्रह किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजन के बारे में पूछे जाने पर डीसी ने सर्वोच्च आयोजन कराने का भरोसा दिलाया।
मंडल डैम से बदलेगी बिहार-झारखंड की तकदीर, दूर होगा दशकों का संकट : झारखंड के कालाहांडी के रूप में प्रसिद्ध पलामू प्रमंडल के निवासियों के चेहरे पर उम्मीद की किरण ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। हर दूसरे वर्ष सूखे की मार, पानी के लिए तड़प, बंजर पड़े खेत व पस्त एवं त्रस्त होकर इच्छा मृत्यु की मांग की हद तक जाने वाले लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने वाली है। हालांकि उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना कब पूरी होगी, इसका ब्यौरा अभी नहीं मिला है, लेकिन पांच जनवरी 2019 से इस क्षेत्र के लिए विकास की नई इबारत गढ़ी जाने वाली है।
मंडल डैम परियोजना की शुरुआत 1970 के दशक में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर द्वारा की गई थी। शुरुआत में इसकी लागत 125 करोड़ आंकी गई। डैम का निर्माण शुरू हुआ, सैकड़ो मजदूर, दर्जनों अधिकारी, अभियंतागण रात- दिन एक कर काम में जुट गए। स्थानीय लोगों को लगा कि अब डैम का निर्माण पूरा हो जाएगा। एकीकृत बिहार का पलामू सहित औरंगाबाद, गया व जहानाबाद जिलों के हजारों हेक्टेयर भूमि की प्यास बुझाई जा सकेगी।
वर्ष 1992 में इस परियोजना के मुख्य अभियंता बैजनाथ मिश्र की हत्या निर्माण कार्य पर दुर्भाग्य बन गई। रही सही कसर पलामू प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व व वन विभाग की आपत्तियों ने पूरी कर दी। परियोजना पर रोक लगा दी गई। उस वक्त तक डैम में गेट लगाने का काम बाकी रह गया था। करीब 850 करोड़ रुपये का खर्च कर दिया गया था। गुलजार मंडल क्षेत्र उजाड़ बनता गया। अधिकारियों व कर्मियों के क्वार्टर खंडहर में तब्दील होते गए।
नक्सल प्रभावित होने के कारण प्रशासनिक नियंत्रण से क्षेत्र दूर होता गया। कई किमती उपकरणों के साथ बिजली उत्पादन के लिए लगाए गए टारबाइन भी चोरी हो गए। लेकिन अब पुन: बिहार व झारखंड की इस महत्वपूर्ण योजना के निर्माण कार्य शुरू होने की खबर निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लोगों के लिए खुशहाली लेकर आएगी।
पलामू के सांसद बीडी राम ने कहा कि मंडल डैम परियोजना की स्वीकृति के लिए औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह व चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह की अहम भूमिका रही है। हम तीनों ने प्रधानमंत्री जी से मिलकर इस परियोजना की महत्व की जानकारी दी थी। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने इसमें भरपूर सहयोग दिया था। मंडल डैम के निर्माण से मोहम्मदगंज क्षेत्र में कटाव की समस्या दूर होगी। यहां से लाइनिंग कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।