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कलेजा फटने वाली इस घटना ने राष्‍ट्रपति-प्रधानमंत्री को झकझोरा, रुआंसे हुए महामहिम रामनाथ कोविंद व नरेंद्र मोदी

President of India Narendra Modi झारखंड के लातेहार में एक साथ 7 लड़कियों की मौत से पूरा देश सदमे में है। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर अपनी शोक संवेदना प्रकट की है। यहां लापरवाही के कारण सात लड़कियों की जान चली गई।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:17 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:22 AM (IST)
कलेजा फटने वाली इस घटना ने राष्‍ट्रपति-प्रधानमंत्री को झकझोरा, रुआंसे हुए महामहिम रामनाथ कोविंद व नरेंद्र मोदी
President of India, Narendra Modi: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना प्रकट की है।

रांची, जेएनएन। President of India, Narendra Modi झारखंड के लातेहार जिले में शनिवार को एक साथ सात लड़कियों की मौत ने देश के सर्वेसर्वा, महामहिम, प्रथम व्‍यक्ति को भी आहत कर दिया है। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी शोक संवेदना ट्विटर के जरिये साझा की है। उन्‍होंने लिखा- झारखंड में करम डाली विसर्जन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में कई बच्चियों की मृत्यु का समाचार सुनकर बेहद व्यथित हूं। दुःख की इस घड़ी में, शोकाकुल परिवारजनों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

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थोड़ी सी लापरवाही के कारण चली गई सात लड़कियों की जान

मालूम हो कि लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत बुकरू गांव में रेलवे संवेदक की ओर से खोदे गए गड्ढे को समय पर नहीं भरे जाने के कारण सात बच्चियों की जान चली गई। इस घटना के बाद जिले भर में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे संवेदक ने रेल लाइन निर्माण के दौरान पोकलेन मशीन से मिट्टी का उठाव करने के लिए तालाबनुमा गड्ढा खोद दिया था। बरसात के मौसम में बारिश का पानी जमने से यह तालाब की शक्ल ले लेता है।

घटनास्थल के समीप सावधानी बरतते हुए आवागमन करते थे ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे संवेदक की ओर से किए गए गड्ढे के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढे में पानी भर जाने के कारण बरसात के दिनों में उस मार्ग से आवागमन करने में ग्रामीण पूरी सावधानी बरतते थे। करम डाली के विसर्जन के दौरान लड़कियों ने भी सावधानी बरती लेकिन फिसलन वाली मिट्टी होने के कारण सभी का पैर फिसल गया और गड्ढे में डूबने से उनकी मौत हो गई। घटना के बाद रेलवे की ओर से मामले को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहे जाने से ग्रामीणों में रोष देखने को मिला।

निर्माण स्थल पर गड्ढे करके छोड़ने की रही है पुरानी परंपरा

ग्रामीणों ने बताया कि टोरी शिवपुर रेलवे लाइन निर्माण के दौरान रेलवे संवेदक की ओर से ग्रामीणों की अनदेखी जमकर की गई। रेल लाइन निर्माण से लेकर विविध प्रकार के कार्यों में स्थानीय मजदूरों की उपेक्षा कर दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को बुलाकर काम कराया गया। कई स्थानों पर ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो नाम मात्र के लिए कुछ स्थानीय लोगों को दिहाड़ी मजदूर कर रूप में रखकर औपचारिकता पूरी कर ली गई।

ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे लाइन निर्माण के दौरान आवेदकों की ओर से जब मर्जी हुई कहीं भी गड्ढा खोदकर मिट्टी का उठाव कर लिया। इसके बाद बनाए गए गड्ढे को न कभी भरा गया और न ही कभी इसकी सुध ली गई। ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में अब भी कई जगहों पर गड्ढों को भरा नहीं गया है। ग्रामीणों ने इस मामले पर त्वरित संज्ञान लिए जाने की मांग रेलवे के साथ जिला प्रशासन से भी की है। 


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