गांवों में भी बढ़ रहा प्रसव पूर्व लिंग चयन, अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर बढ़ेगी निगरानी
Jharkhand Hindi News स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सघन प्रयास की जरूरत है। पदाधिकारी अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर निगरानी बढ़ाएं। एक्ट का सख्ती से पालन हो। उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान करने का निर्देश दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Hindi News झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि प्रसव पूर्व लिंग चयन के कारण कन्या भ्रूण हत्या देश के लिए चुनौती बन गई है। विशेषकर शहरी क्षेत्रों में यह अधिक फल फूूल रहा है। मंत्री शनिवार को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994) के अनुपालन को लेकर गठित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व लिंग चयन अब शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रह गया है।
अब यह ग्रामीण परिवेश में भी अपनी जगह गहराई से बनाने लगा है। इसे अभी सख्ती से नहीं रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब महिलाओं की आबादी पुरुषों की तुलना में बहुत कम हो जाएगी। मंत्री ने बैठक में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सघन प्रयास की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही पदाधिकारियों को अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों पर निगरानी बढ़ाने तथा एक्ट के उल्लंघन करनेवाले क्लिनिक संचालकों तथा चिकित्सकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई के भी निर्देश दिए। साथ ही लिंगानुपात के अंतर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को एक्शन प्लान बनाकर काम करने का सुझाव भी दिया। मंत्री ने इस अवसर पर गरिमा झारखंड 2.0 (पीसी एंड पीएनडीटी पोर्टल) पंजीकरण/नवीनीकरण के पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से क्लिनिकवार गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड संबंधी जानकारी (फार्म-6) राज्य एवं जिला स्तर पर प्राप्त किया जा सकता है। इससे एक्ट के अनुपालन में सहायता होगी।
बैठक में विधायक ममता देवी ने कन्या भ्रूण हत्या के नुकसान तथा पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के बारे में लोगों को नुक्कड़ नाटक एवं अन्य माध्यमों से गांव स्तर पर जागरूक करने पर जोर दिया। वहीं, स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा कि एएनएम जब नियमित सामुदायिक भ्रमण करती है, तो लिंगानुपात के आंकड़ों को भी अन्य विभाग से प्राप्त करे। उन्होंने यह भी कहा कि एक्ट के सख्ती से अनुपालन के लिए जिला स्तर पर नियमित बैठक सुनिश्चित कराई जाए। बैठक में विधि विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, अभियान निदेशक रवि शंकर शुक्ला, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. मार्शल आइंद आदि उपस्थित थे।