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झाविमो को काग्रेस की झोली में डालना चाहते थे प्रदीप यादव

रांची झारखंड विकास मोर्चा से निकाले गए विधायक प्रदीप यादव का मंसूबा पार्टी का विलय कांग्रेस में कना था। ऐसा आरोप जेवीएम के प्रधान महासचिव अभय सिंह ने लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 12:09 AM (IST)
झाविमो को काग्रेस की झोली में डालना चाहते थे प्रदीप यादव
झाविमो को काग्रेस की झोली में डालना चाहते थे प्रदीप यादव

रांची : झारखंड विकास मोर्चा से निकाले गए विधायक प्रदीप यादव का मंसूबा पार्टी का विलय कांग्रेस में कराना था। समय रहते इसकी भनक लगने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया और जवाब नहीं मिलने पर संगठन से निष्कासित किया गया।

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झारखंड विकास मोर्चा के नवनियुक्त प्रधान महासचिव अभय सिंह ने शुक्रवार को यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि प्रदीप यादव पर बाबूलाल मरांडी ने बहुत विश्वास किया, लेकिन गुरुदक्षिणा देने की बजाय वे उन्हें गालियां दे रहे हैं।

अभय सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदीप यादव मुगालते में नहीं रहें। उनकी मंशा आरंभ से संदेह के घेरे में रही है। उन्होंने आंदोलन तो किए, लेकिन किसी को मुकाम तक नहीं पहुंचाया।

विधानसभा में भी सवाल उठाते थे, लेकिन उसपर बाद में चुप्पी साध लेते थे। अगर वे मजबूर करेंगे तो उनके कारनामे उजागर किए जाएंगे और वे मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

उन्हें बाबूलाल मरांडी के खिलाफ अपशब्द बोलने के पहले 100 दफा सोचना चाहिए। वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसे मनभेद में तब्दील नहीं करना चाहिए।

अभय सिंह ने कहा कि प्रदीप यादव ने अगर आचरण में सुधार नहीं किया तो वे उन्हें मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेंगे। अभय सिंह ने कहा कि प्रदीप यादव ने निष्कासन की चिट्ठी सौंपने गए झाविमो युवा मोर्चा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के साथ बदतमीजी की। उन्होंने बाबूलाल मरांडी के खिलाफ भी अपशब्दों का प्रयोग किया।

पांच बार के विधायक को ऐसा आचरण कतई शोभा नहीं देता।

11 को होगी कार्यसमिति की बैठक, विलय का फैसला संभव

झारखंड विकास मोर्चा ने 11 फरवरी को केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इसमें भाजपा में विलय पर फैसला लिया जा सकता है। पिछले दिनों झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पुरानी कार्यसमिति को भंग करते हुए नई कार्यकारिणी का गठन किया है।

नई कार्यकारिणी में प्रदीप यादव को प्रधान महासचिव के पद से हटाते हुए अभय सिंह प्रधान को महासचिव बनाया गया है। 11 फरवरी को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा में विलय का भाजपा लिया जा सकता है।

बढ़ेगी अभय सिंह की भूमिका

झारखंड विकास मोर्चा के नवनियुक्त प्रधान महासचिव अभय सिंह की राजनीतिक भूमिका आने वाले दिनों में बढ़ेगी। अभय सिंह बाबूलाल मरांडी के विश्वस्त नेताओं में शीर्ष पर है। बजरंग दल से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाले अभय सिंह ने भाजपा में भी लंबी राजनीतिक पारी खेली है।

वे अविभाजित बिहार में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद पर रह चुके हैं। वे भाजपा की जमशेदपुर इकाई के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। अभय सिंह जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे हैं।

झाविमो के भाजपा में विलय की प्रक्रिया में अभय सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


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