Move to Jagran APP

Jharkhand: छठ पर्व पर आदेश जारी कर चौतरफा घिरी हेमंत सरकार, अपनों के साथ विपक्ष ने भी किया विराेध

Jharkhand News पूरे झारखंड प्रदेश से विरोध के स्वर उठ रहे हैं। कांग्रेस और झामुमो ने भी सरकार के निर्णय का विरोध किया है। आम लोग पूछ रहे हैं कि उपचुनाव के दौरान नेताओं के प्रचार कार्यक्रमों पर रोक क्यों नहीं लगाया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 01:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 02:26 PM (IST)
Jharkhand: छठ पर्व पर आदेश जारी कर चौतरफा घिरी हेमंत सरकार, अपनों के साथ विपक्ष ने भी किया विराेध
इंटरनेट मीडिया पर लोग खुलकर इसके विरोध में लिख रहे हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर हेमंत सरकार के आदेश के बाद झारखंड में राजनीति चरम पर है। सामूहिक तौर पर छठ मनाने पर रोक के सरकारी आदेश का सामाजिक और राजनीतिक तौर पर विरोध शुरू हो गया है। राजनीतिक तौर पर भाजपा ने मोर्चा थामा है तो पार्टी की कई इकाइयां अलग-अलग मोर्चों पर सरकार की घेराबंदी में डटी हैं। सत्‍ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी विरोध शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आदेश के विरोध में ज्ञापन सौंपा है। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज ज्ञापन सौंपा। गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी छठ घाटों पर पूजा की अनुमति देने की मांग की है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया है।

ऑनलाइन माध्यमों पर सरकार के इस निर्णय का विरोध तो हो ही रहा है, लोग सवाल भी उठा रहे हैं। दलगत राजनीति से इतर लोग इतना जरूर जानना चाह रहे हैं कि जब चुनाव कार्यक्रमों के लिए भीड़ को एकत्रित करने की आजादी दी जा सकती है तो फिर छठ के लिए क्यों नहीं? इंटरनेट मीडिया पर लोग इस बारे में खुल कर लिख ही रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि सरकार के इस फैसले से एक बड़े तबके खासकर सनातनी समाज को गहरा आघात लगा है। सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने छठ पूजा नदी, तालाब, डैम अथवा लेक के किनारे नहीं करने के निर्णय को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि यह निर्णय छठ के प्रति आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुँचाने वाला निर्णय है। अधिकारी केवल कोविड 19 को केंद्र बिंदु में रखकर निर्णय  लेते हैं। उन्हें यह भी समझना पड़ेगा कि आस्था के लोक पर्व छठ पूजा में असंख्य लोगों का विश्वास है और ऐसे में इस तरह का निर्णय सही नहीं है।

राजेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि छठ पूजा वर्षों वर्ष से लोग नदी और तालाब के किनारे मनाते आए हैं। कोविड 19 की वजह से सावधानी ज़रूरी है किंतु इसका मतलब यह क़तई नहीं है कि किसी को छठ घाट के किनारे पूजा करने से वंचित किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सख़्त निर्देश देकर छठ घाट पर कोविड 19 के नॉर्म्स का पालन कराते हुए छठ पूजा करने की अनुमति दी जाए।

ज्ञात हो कि 1 दिन पहले रविवार की देर रात आपदा प्रबंधन विभाग ने छठ पर्व के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। इसके तहत नदी घाटों और तालाब के इर्द-गिर्द भीड़ लगाने पर पाबंदी लगाई गई है। इधर, बताया जा रहा है कि छठ पर्व पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी हो सकता है। सीमित संख्या में घाटों पर पूजा की अनुमति मिल सकती है।

यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020: मेड इन इंडिया स्विमिंग पूल में करें छठ पूजा, कीमत बहुत कम; कोरोना से भी होगा बचाव

यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2020: झारखंड सरकार के आदेश से छठ व्रतियों की बढ़ी परेशानी, बिहार में मिली है राहत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.