झारखंड के विश्वविद्यालयों में पीएम के संबोधन का सीधा प्रसारण, नई शिक्षा नीति पर कुलपतियों से वार्ता करेंगे मोदी
New National Education Policy सम्मेलन में उच्च शिक्षा से जुड़े विषयों पर अलग-अलग कई सत्र भी रखे गए है। इसमें उच्च शिक्षा में किए गए बदलावों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा होगी।
रांची, जासं। PM Narendra Modi on New National Education Policy नई शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय सहित देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशकों और काॅलेजों के प्राचार्यों को संबोधित करेंगे। इसमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे और नीति को तैयार वाली कमेटी के अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन भी शामिल होंगे।
सम्मेलन में उच्च शिक्षा से जुड़े विषयों पर अलग-अलग कई सत्र भी रखे गए हैं। इसमें उच्च शिक्षा में किए गए बदलावों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा होगी। दैनिक जागरण ने पहले ही इसकी जानकारी दी थी। बताया जाता है कि इसके बाद शिक्षा मंत्री राज्यों के शिक्षामंत्रियों व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी चर्चा करेंगे और वक्त पर शिक्षानीति के क्रियान्वयन के लिए आग्रह करेंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में पहले ही लिखा है पत्र, जागरूकता की अपील
वहीं, दूसरी ओर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है कि नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों, छात्रों और अधिकारियों समेत अन्य लोगों के भीतर जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आपसे नीति के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभावों पर यूनिवर्सिटी और तमाम कॉलेज वेबिनार आयोजित कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य ऑनलाइन गतिविधियों का सहारा लेकर संबंधित लोगों को बताएं, जिससे स्टूडेंट्स, टीचर्स या फिर किसी भी संबंधित अधिकारी को इस बारे में कोई आशंका न हो।
गौरतलब है कि कि हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। अब फाइनली जाकर इसमें बदलाव हुआ है। वहीं इस नीति की कुछ अहम बातों पर गौर करें तो इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है।