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पीएम मोदी के मन में भी दैहर गांव ने दी दस्तक, युवा इंजीनियर अमितेश के नेक काम को सराहा Hazaribagh News

Jharkhand News हजारीबाग के दैहर स्मार्ट विलेज योजना को राष्ट्रीय ख्याति मिल रही है। मन की बात में पीएम मोदी उल्लेख कर सकते हैं। मन की बात के आफिशियल टि्वटर एकाउंट से ट्वीट कर शाानदार और नेक काम की सराहना की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:43 AM (IST)
सात नवंबर को इस कार्य की प्रशंसा की गई है।

चौपारण (हजारीबाग), [शशि शेखर]। झारखंड के हजारीबाग जिले के उग्रवाद प्रभावित चौपारण क्षेत्र का दैहर गांव पिछले कुछ महीनों से विकास की खास गतिविधियों की वजह से चर्चा में है। इसकी ख्याति अब पीएमओ तक भी पहुंच चुकी है। हाल के दिनों में इस गांव की सूरत तेजी से बदल रही है। इसका श्रेय गांव के रहने वाले युवा इंजीनियर अमितेश को जाता है, जो लाॅकडाउन में गांव लौटे तो गांव का ही कायाकल्प करने का बीड़ा उठा लिया।

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अमितेश के इस संकल्प की कहानी फिल्म स्वदेश के नायक मोहन भार्गव से मिलती-जुलती है। अमितेश ने अपने गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए विकास का खाका खींचकर अपनी कंपनी ओएनजीसी को भेजा तो कंपनी सीएसआर के तहत गांव के विकास के लिए तैयार हो गई। इसके बाद कई और कंपनियों का सहयोग लेकर अमितेश ने योजना को और भी विस्तार दिया। गांव के कायाकल्प का उसका सपना अब जल्द ही साकार होने वाला है।

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन तक इसकी गूंज पहुंच चुकी है। सात नवंबर को मन की बात के आफिशियल ट्विटर एकाउंट से यहां चले रहे विकास कार्यों की सराहना करते हुए इसके संबंध में जानकारी ट्वीट की गई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस गांव में चल रहे विकास कार्यों का उल्लेख मन की बात में कर सकते हैं। इससे पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक भी नए और निराले तरीके से गांव के विकास की रूपरेखा खींचने वाले आइआइटी मुंबई के पूर्व छात्र व गांव के युवा अभियंता अमितेश की तारीफ कर चुके हैं। अमितेश की पहल से दैहर स्मार्ट विलेज परियोजना को अब राष्ट्रीय ख्याति मिलनी शुरू हो गई है।

30 फीट चौड़ी सड़क, घर-घर नल का पानी

दैहर के युवा अमितेश ओएनजीसी कंपनी में काम करते थे। अब गांव पहुंच कर गांव के विकास में जुट गए हैं। इनकी पहल से यहां 30 फीट चौड़ी सड़क बन रही है। स्टेट हाइवे से कमला मां मंदिर तक इस सड़क का निर्माण जारी है। वहीं घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन योजना का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके अलावा गांव में 50 गरीबों के घर, लाइट व सीसीटीवी योजना का काम भी प्रस्तावित है।

इतना ही नहीं पौराणिक महत्व वाले कमला माता मंदिर को राष्ट्रीय पर्यटन के मानचित्र पर लाने की भी योजना है। अमितेश को केंद्र सरकार जहां भरपूर मदद कर रही है, वहीं राज्य सरकार से भी मदद लेने की कोशिश हो रही है। योजना की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई गई है।

आइआइएम के छात्रों का भी मिल रहा है सहयोग

अमितेश को आइआइटी और आइआइएम के छात्रों से काफी मदद मिल रही है। वह एक टीम बनाकर प्रोजेक्ट को पूरा करने की ओर बढ़ रहे हैं। इन छात्रों ने अपनी परियोजना को डीएसआइआर नाम दिया है। अमितेश कहते हैं कि दैहर स्मार्ट विलेज एंड ग्रीन फील्ड के तहत डीएसआइआर प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य रोजगार देना व समाज का पूर्ण विकास करना है। यह प्रोजेक्ट 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता के साथ पूर्ण होगी।

गांव में निवेश के लिए कई कंपनियां इच्छुक

अमितेश की मानें तो गांव में 1000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को अधिकृत करने के लिए तीन महीने का समय लिया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए ओएनजीसी, टाटा, रिलायंस इंडस्ट्री टेलीकॉम सेक्टर का प्रस्ताव प्राप्त है। कई कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया गया है। यहां टेलीकाम, केमिकल उद्योग लगाने की जानकारी दी गई है। एनएच-2 होने के कारण कंपनियां यहां निवेश के लिए तैयार दिख रही हैं। ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। सीधे तौर पर अभी दो हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा। बाद में लगभग पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।


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