PLFI Jharkhand: लोकल अपराधियों से गठजोड़ पड़ा भारी, अब दिनेश गोप की बारी Special Report
Dinesh Gope PLFI रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा है कि पुलिस ने पीएलएफआई के कई सूरमा बने उग्रवादियों को जेल का रास्ता दिखा दिया है अब सुप्रीमो दिनेश गोप की बारी है। पीएलएफआई उग्रवादी माओवादी या किसी भी संगठन के उग्रवादी हों पुलिस के सामने हथियार डाल दें।
रांची, [फहीम अख्तर]। PLFI Jharkhand, Dinesh Gope PLFI झारखंड पुलिस ने पीएलएफआई की कमर पूरी तरह तोड़ दी है। पीएलएफआई के उग्रवादी एक के बाद एक पुलिस के हत्थे चढ़ते रहे। इसबीच आतंक का पर्याय बने पुनई उरांव का एनकाउंटर कर पुलिस ने साफ कर दिया है कि आतंक बनने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा है कि पुलिस ने पीएलएफआई के कई सूरमा बने उग्रवादियों को जेल का रास्ता दिखा दिया है, अब सुप्रीमो दिनेश गोप की बारी है।
रांची की शांति में खलल डालने वाले कोई भी हों, चाहे पीएलएफआई उग्रवादी, माओवादी या किसी भी संगठन के उग्रवादी हों पुलिस के सामने हथियार डाल दें। वरना उनका हश्र बुरा होने वाला है। जाहिर है, पुलिस की इस मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई से पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के अंदर तक डर समा गया होगा। इधर, पीएलएफआई पुलिस को मिल रही इनपुट के आधार पर रांची पुलिस व सुरक्षा बल लगातार संगठन के प्रभाव वाले इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इसके अलावा इस संगठन के उग्रवादियों की ओर से शहरों में बनाए गए अलग-अलग गोपनीय ठिकाने पर भी लगातार छापेमारी हो रही है।
सुरक्षा एजेंसी दावा कर रही है कि पीएलएफआई के अपराध से लेकर हथियार सप्लाई और रंगदारी वसूलने का पूरा चक्रव्यूह लगभग भेद लिया गया है। दावा किया जा रहा है कि अगर सुरक्षाबलों की कार्रवाई ऐसे ही सही दिशा में आगे बढ़ते रही तो जल्द ही पीएलएफआई का पूरा साम्राज्य उखड़ जाएगा। संगठन के कुछ और बड़े अपराधी भी पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैं। कई बड़े उग्रवादी निशाने पर हैं। हाल के दिनों में रांची में छुपकर रहने वाले कई बड़े उग्रवादियों को पुलिस ने दबोचा है।
अपराधियों से गठजोड़ पड़ा भारी : कोरोना संक्रमण के दौरान घोषित लॉकडाउन मेंं पीएलएफआई के प्रभाव वाले क्षेत्रों में लेवी वसूली का काम बंद होने के बाद संगठन के कुछ बड़े उग्रवादियों ने शहरों में सक्रिय अलग-अलग आपराधिक संगठनों से हाथ मिला लिया। यही गलती संगठन पर भारी पड़ गई। इन अपराधियों के संपर्क में रहें गुप्तचरों ने पीएलएफआई से जुड़े सभी बड़े उग्रवादियों की पूरी जन्मकुंडली निकाल कर पुलिस तक पहुंचा दी। बताया जा रहा है कि इन उग्रवादियों के पास अब आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। पुलिस से भागने वाले लगभग सभी बड़े अपराधी अब रडार पर आ चुके हैं। पड़ोसी राज्यों में भी इनके सारे सुरक्षित पनाहगाह अब पुलिस के दस्तावेज का हिस्सा बन चुके हैं।
रांची को लंबे समय से बना रखा था शरणस्थली : रांची को लंबे समय से उग्रवादियों ने शरणस्थली बना रखा था। रांची के हटिया, तुपुदाना, धुर्वा, रातू और पंडरा का इलाका सेफ जोन रहा है। खूंटी, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, चक्रधरपुर, लातेहार, पलामू, चतरा, लोहरदगा सहित अन्य जिलों से भागकर उग्रवादी रांची में छुपकर रहते हैं। कहीं मजदूर बनकर, कहीं नाम बदलकर। ऐसे में उग्रवादियों की पहचान स्थानीय स्तर पर नहीं हो पाती है।
हाल में रांची से पकड़े गए उग्रवादी
- 18 दिसंबर को पीएलएफआई का हार्डकोर उग्रवादी कृष्णा यादव गिरोह के नरेश लोहरा और देवेंद्र यादव गिरफ्तार।
- 11 दिसंबर को पिठोरिया इलाके से युगेश यादव उर्फ सुभार्ष गोप को गिरफ्तार किया गया।
- 03 दिसंबर को पीलएफआई के एरिया कमांडर तुलसी पाहन सहित पांच को गिरफ्तार किया गया।
- 04 दिसंबर को पीएलएफआई के सबजोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तानजी को गिरफ्तार किया गया था।
- 20 अगस्त 2020 को रांची के टाटीसिल्वे इलाके में छुपकर रह रहे परमेश्वर गोप को दबोच लिया। वह गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के लिए काम कर रहा था।
- 10 मई को रांची से सटे बॉर्डर इलाके खूंटी से एक माओवादी गिरफ्तार।
- 04 मई रांची-खूंटी बॉर्डर इलाके से पीएलएफआई के दो उग्रवादी गिरफ्तार।
- 02 मई को रांची के अरगोड़ा न्यू पिपरा टोली में पत्नी के साथ छुप कर रहे तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के सब जोनल कमांडर दिनेश गंझू उर्फ सौरभ गंझू को पुलिस ने दबोच लिया है। वह पांच लाख का इनामी उग्रवादी है। रांची पुलिस, चतरा पुलिस और झारखंड जगुआर की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर न्यू पिपरा टोली से गिरफ्तार किया।