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PLFI का सब जोनल कमांडर सुल्तान जी बालूमाथ थाने से फरार, रांची पुलिस ने किया था गिरफ्तार

Jharkhand Crime News पीएलएफआइ के सब जोनल कमांडर सुल्तान जी को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे रिमांड पर लिया गया था। बताया जा रहा है कि सुबह तकरीबन 5 बजे शौच के बहाने हाजत से निकल कर भाग गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 09:34 AM (IST)
PLFI का सब जोनल कमांडर सुल्तान जी बालूमाथ थाने से फरार, रांची पुलिस ने किया था गिरफ्तार
Jharkhand Crime News गिरफ्तारी के समय पीएलएफआइ का सब जोनल कमांडर सुल्तान जी।

रांची, जासं। Jharkhand Crime News पीएलएफआइ के सब जोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान जी को रांची पुलिस ने बीते दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। वह बालूमाथ थाने की हाजत से मंगलवार की सुबह फरार हो गया। रांची पुलिस की गिरफ्त में आए कृष्णा यादव को लातेहार की बालूमाथ पुलिस ने रिमांड पर लिया था। आज ही कृष्णा की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद जेल भेजा जाना था। बताया जा रहा है कि सुबह तकरीबन 5 बजे शौच के बहाने वह हाजत से निकल कर भाग गया।

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सुल्तान जी के फरार होने के बाद रांची पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। रांची पुलिस भी सुल्तान की तलाश में जुट गई है। रांची, लोहरदगा, चतरा, लातेहार, हजारीबाग सहित कई जिलों के लिए आतंक का पर्याय बने कृष्णा यादव उर्फ सुल्तानजी उर्फ तूफान को रांची पुलिस ने लोहरदगा के सेन्हा से बीते दो दिसबंर 2020 को दबोच लिया था। उसके पास से देसी कार्बाइन, नाइन एमएम की 13 जिदा गोलियां सहित अन्य सामान बरामद किए गए थे। पकड़े गए उग्रवादी के खिलाफ रंगदारी, हत्या, डकैती, लूटपाट व आ‌र्म्स एक्ट से संबंधित 29 मामले दर्ज हैं।

वह अपने पिता रामजी यादव की हत्या का बदला लेने के लिए पीएलएफआइ का उग्रवादी बन गया था। उसने ऐसा आतंक मचाया कि संगठन की ओर से उसे सबजोनल कमांडर बना दिया गया था। सुल्तानजी, उसका भाई अरुण यादव व एक और भाई अपने पिता की हत्या के बाद बदला लेने के लिए पीएलएफआइ संगठन में जुड़ गए। तीनों भाइयों ने सिमडेगा में चल रहे पीएलएफआइ के कैंप में ट्रेनिग ली। इसके बाद तीनों खलारी और बुढ़मू एरिया में सक्रिय हो गए। इस क्रम में इन लोगों ने अपने गिरोह के साथ आगजनी, लेवी वसूलना शुरू कर दिया। 22 साल बाद पिता की हत्या का बदला लिया और बीते नौ फरवरी 2014 को बलसोकरा के मुखिया भोला उरांव की गोली मारकर हत्या कर दी थी।


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