कोर्ट में जज से जेबकतरा बोला, दारोगा झूठ बोल रहा; मेरे पास 4 नहीं 40 हजार रुपये मिले थे
कोर्ट में पेशी के दौरान कम राशि की बरामदगी दिखाने पर बिफरे जेबकतरे ने जज के सामने ही दारोगा की पोल खोल दी उसके बाद जीआरपी ने सोने की अंगुठी कोर्ट में जमा कराया... पढ़ें रोचक खबर
देवघर, जासं। पॉकेटमारी के आरोप में गिरफ्तार एक युवक ने जीआरपी जसीडीह के इंस्पेक्टर इंचार्ज को मुश्किल में डाल दिया। 17 फरवरी को जसीडीह जीआरपी ने गाजीपुर-कोलकाता एक्सप्रेस से एक जेबकतरे को रंगेहाथ दबोचा था। वह बिहार के पूर्णिया के केहात थाना अंतर्गत कोराबाड़ी रणभूमि मैदान मधुबनी गांव का रहने वाला है। आरोपित के खिलाफ देवघर नगर थाना के कोरियासा मोहल्ला निवासी निर्मल कुमार साह के बयान पर थाने में मामला दर्ज किया गया था।
इस मामले की जांच का जिम्मा एएसआइ चांद किशोर सिंह को सौंपा गया था। दूसरे दिन 18 फरवरी को आरोपित को जसीडीह जीआरपी ने मधुपुर रेलवे कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। वहां बताया गया कि गिरफ्तार संदिग्ध के पास से 4300 रुपये नकद बरामद हुए हैं। यह सुनकर जज के सामने आरोपित ने बताया, हुजूर! मेरे पास सिर्फ 4300 नकद नहीं, बल्कि 40 हजार नकद, दो सोने की अंगूठी, दो चांदी की अंगूठी व एक मोबाइल फोन जसीडीह जीआरपी के थाना प्रभारी ने बरामद किया था।
इस पर कोर्ट ने आरोपित को लिखित में बयान देने को कहा। इसपर गिरफ्तार जेबकतरे ने अपना लिखित बयान भी कोर्ट को दे दिया। इसके बाद मामले को फंसता देख जीआरपी ने बाद में एक अंगूठी और मोबाइल जमा करा दिया। इसके बाद न्यायिक दंडाधिकारी अवकाश पर चले गए। इस कारण फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।
हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कोर्ट इस मामले में संज्ञान ले सकता है। वहीं, मामला उजागर होने के बाद से जीआरपी के पदाधिकारियों में खलबली मची हुई है। इस बारे में जब जसीडीह जीआरपी के इंस्पेक्टर इंचार्ज इंदू भूषण कुमार का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल बंद मिला।