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रिम्स के पीजी डॉक्टरों को पढ़ाया जाएगा नैतिकता व शालीनता का पाठ

रिम्स में लगातार दो दिनो से परिजनों और जूनियर डाक्टरों के बीच मारपीट को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। निर्णय लिया गया है कि अब जूनियर डॉक्टरों को अनुशासन, नैतिकता एवं शालीनता का पाठ पढ़ाया जाएगा। ये काम संस्थान के विभागाध्यक्ष व प्राध्यापक करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 07:37 AM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 07:37 AM (IST)
रिम्स के पीजी डॉक्टरों को पढ़ाया जाएगा नैतिकता व शालीनता का पाठ
रिम्स के पीजी डॉक्टरों को पढ़ाया जाएगा नैतिकता व शालीनता का पाठ

रांची : रिम्स में लगातार पीजी डॉक्टर और मरीजों के बीच हो रहे विवाद को दूर करने का रास्ता रिम्स प्रबंधन ने निकालने की कोशिश की है। अब मरीजों से पीजी डॉक्टर न उलझें इसके लिए रिम्स में अध्ययन कर रहे पीजी छात्रों को अनुशासन ,नैतिकता एवं शालीनता का पाठ पढ़ाया जाएगा। विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक उन्हें इसकी व्यवहारिक जानकारी देंगे। यह बातें रिम्स के निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहीं। पीजी चिकित्सकों एवं मरीजों के परिजनों के बीच अक्सर होने वाले विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि विवादों से संस्थान की बदनामी होती है। इसकी छवि पर असर पड़ता है। चिकित्सीय ज्ञान के साथ पीजी छात्रों को अनुशासन एवं नैतिकता की जानकारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सीय पेशे में आने का मकसद ही पीड़ितों की सेवा करना है। डॉक्टर के इसी कार्य के कारण उन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन डॉक्टर एवं मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट जैसी घटना सुनने के बाद हमें शर्मिदगी झेलनी पड़ती है। गलती चाहे किसी भी पक्ष की हो, बदनामी तो संस्थान की ही होती है। सीनियर डॉक्टर्स इसे समझते हैं। इसलिए ऐसी नौबत नहीं आती। लेकिन पीजी छात्र युवा होते हैं। उनमें बर्दाश्त करने की क्षमता कम होती है। उन्हें अपनी जवाबदेही एवं पद की गरिमा समझनी होगी। मरीजों के परिजनों की काउंसिलिंग की जानी चाहिए। उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि चिकित्सक मरीजों की सेवा में ही लगे हैं। कार्य करने में उनका सहयोग करें।

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ज्ञात हो कि इधर लगातार दो दिन पीजी डॉक्टर्स एवं मरीजों के परिजनों के बीच मारपीट की घटना घटी हैं। इसके पूर्व भी कई मामले सामने आ चुके हैं।


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