भाजपा का दावा, झारखंड में पड़ोसी राज्यों से सस्ता है पेट्रोल-डीजल
भाजपा का दावा है कि अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में कम कीमत पर पेट्रोल-डीजल बेचा जा रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने दावा किया है झारखंड में पड़ोसी राज्यों से कम कीमत में पेट्रोल-डीजल बेचा जा रहा है। राज्य में वैट की दरें भी अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता दीनदयाल वर्णवाल ने आंकड़ों का हवाला देते हुए यह दावा किया। हालांकि उन्होंने स्वीकारा कि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में झारखंड की तुलना में डीजल 1.50 रुपये सस्ता बेचा जा रहा है।
दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि ओडिशा में पेट्रोल झारखंड से 0.20 रुपये महंगा है जबकि पश्चिम बंगाल में 3.90 रुपये। इसी प्रकार बिहार में पेट्रोल 8.65 रुपये महंगा बिक रहा है और छत्तीसगढ़ में 2.34 रुपये महंगा। इस लिहाज से देखें तो झारखंड में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे सस्ता पेट्रोल बेचा जा रहा है। झारखंड में इसकी दर 80.96 रुपये प्रति लीटर है जबकि पश्चिम बंगाल में इसकी कीमत 84.86 रुपये ओडिशा में 81.15 रुपये, बिहार 89.61 रुपये और छत्तीसगढ़ 82.65 रुपये है। विपक्ष चाहे तो इन आंकड़ों की पुष्टि कर ले। वर्णवाल ने स्वीकारा कि सिर्फ पश्चिम बंगाल झारखंड से सस्ता डीजल बेच रहा है। पश्चिम बंगाल में झारखंड की तुलना में डीजल 1.51 रुपये सस्ता है। जबकि अन्य पड़ोसी राज्यों में इसकी कीमत झारखंड से अधिक है। बताया कि झारखंड में डीजल की कीमत 77.98 रुपये प्रति लीटर है जबकि उड़ीसा में 80.11 रुपये प्रति लीटर, बिहार में 80.65 रुपये, छत्तीसगढ़ 80.32 रुपये प्रति लीटर की दर से इसकी बिक्री हो रही है। सिर्फ पश्चिम बंगाल में 76.47 रुपये प्रति लीटर डीजल बेचा जा रहा है।
झारखंड में कम है वैट की दर दीनदयाल वर्णवाल ने बताया कि झारखंड में वैट की दर पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम है। झारखंड में पेट्रोल पर 22 प्रतिशत या 15 रुपये जो भी अधिकतम होगा वैट के रूप में लिया जा रहा है। वहीं, डीजल में 8.37 रुपये या 22 फीसद जो भी अधिकतम हो लिया जा रहा है। इसके अलावा दोनों उत्पादों पर एक रुपये प्रति लीटर सेस लिया जा रहा है। कहा, यह तर्क गलत है कि झारखंड के कारोबारी पड़ोसी राज्य से पेट्रोल और डीजल मंगाते हैं। कहा, यदि यह मान भी लें कि पश्चिम बंगाल से कुछ डीजल आता भी है तो उससे कहीं अधिक डीजल तो हमारे राज्य से दूसरे राज्य के उपभोक्ता ले जाते होंगे।
पिछले वर्ष 3060 करोड़ रुपये पेट्रोलियम उत्पाद से आए दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि गत वर्ष 3060 करोड़ रुपये पेट्रोलियम प्रोडक्ट से वैट के रूप में झारखंड को राजस्व की प्राप्ति हुई। यह राशि यहा की कल्याणकारी योजनाओं में व्यय की गई।