सूरत की ट्रेन कि यात्रियों की हुई जांच, यूं ही निकल गया यशवंतपुर से आए 1200 यात्रियों का रेला
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए इस तरह की लापरवाही पलीता लगा सकती है।
जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए इस तरह की लापरवाही पलीता लगा सकती है। ट्रेन द्वारा दूसरे प्रदेश से आनेवाले लोगों से लगातार कोरोना जांच की अपील की जा रही है। प्रशासन के स्तर से जांच भी हो रही है, लेकिन शुक्रवार को हटिया स्टेशन पर जो दृश्य देखने को मिला उससे यही कहा जा सकता है कि दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के कोरोना टेस्ट के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। शाम को सूरत से आई स्पेशल ट्रेन से उतरे यात्रियों में कुछ की कोराना जांच की गई लेकिन थोड़ी देर बात यशवंतपुर से आई ट्रेन से उतरे करीब 1200 यात्री बिना किसी जांच के स्टेशन के पीछे वाले निकास द्वार से निकल गए।
शुक्रवार को शाम लगभग 5:40 बजे सूरत से हटिया रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सूरत-मधुपुर स्पेशल ट्रेन पहुंची। ट्रेन से कुल 197 यात्री उतरे। स्पेशल ट्रेन के यात्रियों के दूसरे प्रदेशों से यहां आने पर कोरोना जांच की कवायद तो शुरू हुई लेकिन केवल उन यात्रियों की जांच की गई जिन्हें बिहार जाना था। रांची व आसपास के यात्रियों की कोई जांच नहीं हुई। इस दौरान स्टेशन परिसर में जिला प्रशासन के अलावा मजिस्ट्रेट, रेलवे एवं आरपीएफ के अधिकारी व जवान मौजूद रहे। जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को रांची, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू सहित अन्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए 10 बसों की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान केवल बिहार जाने वाले 35 यात्रियों की कोरोना जांच की गई। बाकी यात्रियों को बिना किसी जांच के अलग-अलग बसों में बैठा दिया गया। हालांकि सभी यात्रियों को सुनियोजित तरीके से शारीरिक दूरी का पालन करवाते हुए स्टेशन से बाहर निकाला गया। इस दौरान सभी को चावल, दाल, सोयाबीन, मसाला सहित सूखे राशन का पैकेट दिया गया। इधर 15 मिनट बाद प्लेटफॉर्म संख्या दो पर यशवंतपुर स्पेशल ट्रेन भी पहुंची। हद तो तब हो गई, जब इस ट्रेन से 1200 यात्रियों का रेला एकसाथ ट्रेन की बोगियों से बिना किसी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बाहर निकला और स्टेशन के पीछे मौजूद दो निकासी द्वार से बिना किसी रोकटोक और जांच के स्टेशन के बाहर निकल गया। स्टेशन के बाहर का नजारा भी कुछ कम नहीं था। स्टेशन के बाहर दर्जनों ऑटो बेतरतीब तरीके से खड़े दिखाई दिए। यात्रियों के वहां पहुंचते ही अलग-अलग ऑटो में बैठकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए। यहां भी उन्हें नियंत्रित करने वाला कोई न रहा। फलस्वरूप ऑटो चालक भी अपनी मनमानी करते हुए बिना किसी नियम का पालन करे यात्रियों को भर-भर कर निकल गए। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जब सरकार द्वारा दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर विशेष नियम बनाए गए हैं, तो स्टेशन परिसर में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के रहते यात्री बिना जांच के कैसे बाहर निकल गए।