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झारखंड के पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार, कहा- शीघ्र नौकरी दें या उन्हें मृत्यु दंड दिया जाए

झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति हमें बचा लीजिए कार्यक्रम चलाया गया । राष्ट्रपति हमें बचा लीजिए कार्यक्रम के तहत पंचायत सचिव परीक्षा के अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर मार्मिक गुहार लगाई है। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से ये निवेदन किया गया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 02:55 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 03:03 PM (IST)
झारखंड के पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार, कहा- शीघ्र नौकरी दें या उन्हें मृत्यु दंड दिया जाए
झारखंड के पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार। जागरण

रांची, जासं । झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने 'राष्ट्रपति हमें बचा लीजिए' कार्यक्रम चलाया गया । 'राष्ट्रपति हमें बचा लीजिए' कार्यक्रम के तहत पंचायत सचिव परीक्षा के अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर मार्मिक गुहार लगाई है। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से ये निवेदन किया गया है कि पंचायत सचिव परीक्षा का परिणाम जारी कर उन्हें शीघ्र नौकरी दी जाए। अन्यथा उन्हें मृत्यु दंड दिया जाए। अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में राज्य में चरम पर फैली बेरोजगारी का जिक्र करते हुए  बताया है, कि कैसे 5000 पंचायत सचिव अभ्यर्थी कानून, कोर्ट और सरकार के बीच पिस कर रह गए हैं। सिर्फ 5000 पंचायत सचिव अभ्यर्थी ही नहीं बल्कि अन्य बहाली के हजारों अभ्यर्थियों का जीवन काल के गर्त में समाया हुआ है।

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पंचायत सचिव अभ्यर्थी नेहा परवीन, अमन शाह, कुंदन कुमार, आलोक यादव, गौरव सिन्हा आदि ने बताया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने साल 2017 में कुल 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय क्लर्क का विज्ञापन निकाला था। इस बहाली की सब प्रक्रिया सितंबर 2019 में पूरी कर ली गई थी। लेकिन 2017 से आज तक झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया है। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से  उच्चतम न्यायालय में पेंडिंग एसएलपी (C) 12490/2020 सत्यजीत कुमार बनाम झारखंड सरकार केस में जल्द से जल्द सुनवाई कराने का भी आग्रह किया है।

पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का कहना है कि उच्चतम न्यायालय में सत्यजीत कुमार बनाम झारखंड सरकार केस के लंबित होने के कारण ही झारखंड में 2017 में शुरू हुई पंचायत सचिव /निम्नवर्गीय क्लर्क भर्ती प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का ये भी कहना है कि इस केस के लंबित होने से राज्य में होने वाली अन्य सभी बहाली प्रक्रिया भी स्थगित पड़ी हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 21 सितंबर 2020 को झारखंड उच्च न्यायालय के लार्जर बेंच द्वारा W.P(C) 1387/2016 सोनी कुमारी बनाम झारखंड सरकार केस में फैसला सुनाते हुए उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जिलों में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को रद कर दिया था। इसके बाद सत्यजीत कुमार ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चैलेंज किया था। अतः पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से सभी कानूनी, सरकारी समस्या  खत्म करते हुए पंचायत सचिव परीक्षा का परिणाम एवं नियुक्ति कराने का विनम्र निवेदन किया है।


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