Coronavirus Update: कोर्ट के फैसलों पर कोरोना का साया, 4 अप्रैल तक सिर्फ जरूरी मामलों की होगी सुनवाई
Coronavirus Alert. कोरोना के मद्देनजर सतर्कता बरतते हुए हाई कोर्ट व सिविल कोर्ट में सिर्फ जरूरी मामलों की होगी सुनवाई। मंगलवार की शाम को आदेश जारी कर दिया गया।
कोरोना का खौफ
- कोर्ट में केस से जुड़े अधिवक्ता और सहायक को मिलेगी इंट्री, 18 मार्च से चार अप्रैल तक नई व्यवस्था लागू
- हाई कोर्ट एवं सिविल कोर्ट में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित, बिना स्क्रीनिंग के नहीं मिलेगा प्रवेश
- हाई कोर्ट में दो खंडपीठ और चार एकलपीठ करेगी मामलों की सुनवाई
- सिविल कोर्ट में सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी, सामान्य मामलों में चार अप्रैल के बाद तिथि निर्धारित
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के मद्देनजर बरती जा रही सतर्कता के चलते झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी सिविल कोर्ट में चार अप्रैल तक जमानत, अग्रिम जमानत सहित अन्य जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जाएगी। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन के निर्देश पर इस संंबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया गया है। हाई कोर्ट में दो खंडपीठ और चार बेंच जमानत, अग्रिम जमानत, क्रिमिनल अपील में जमानत, जरूरी सिविल और रिट याचिका पर सुनवाई करेंगी।
इन अदालतों में अधिकतम 25 मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। मेंसनिंग स्लीप संयुक्त रजिस्ट्रार (लिस्ट एवं कंप्यूटर) के यहां कारण के साथ जमा करनी होगी। अदालत की अनुमति के बाद ही मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। दरअसल, कोरोना वायरस को लेकर पहले हाई कोर्ट में फुल कोर्ट की बैठक हुई। इसके बाद चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने एडवोकेट एसोसिएशन और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कोरोना वायरस को लेकर हाई कोर्ट में एहतियाती कदम उठाने पर चर्चा हुई। इसके बाद मंगलवार की शाम को आदेश जारी कर दिया गया।
सिर्फ जरूरी मामले होंगे दाखिल
झारखंड हाई कोर्ट में दोपहर साढ़े बारह बजे तक सिर्फ जरूरी याचिकाएं ही दाखिल की जा सकेंगी। शपथ पत्र दाखिल करने के लिए परिसर से बाहर ओथ कमिश्नर के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। चार अप्रैल तक मुवक्किल का अदालत परिसर में प्रतिबंधित रहेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में संबंधित केस के अधिवक्ता और एक सहायक अधिवक्ता को प्रवेश की अनुमति होगी। याचिका दाखिल करने व अन्य कार्यों के लिए सिर्फ रजिस्टर्ड अधिवक्ता लिपिकों को ही अदालत परिसर में प्रवेश मिलेगा। हाई कोर्ट के अधिवक्ता हॉल, चैैंबर्स और कैंटीन बंद रहेगी।
सिविल कोर्ट के लिए दिशानिर्देश
राज्य के सभी सिविल कोर्ट को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत 31 मार्च तक सिविल कोर्ट में जमानत, अग्रिम जमानत सहित अन्य जरूरी मामलों में सुनवाई होगी। इस दौरान जेल परिसर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही आरोपितों की पेशी होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपितों की पेशी संभव नहीं होने पर रांची के न्यायायुक्त व जिलों के प्रधान न्यायाधीश एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति करेंगे, जो जेल में जाकर संबंधित कार्य को पूरा करेंगे। गवाहों के अदालत में नहीं आने पर 31 मार्च तक कोई दंडात्मक आदेश पारित नहीं होगा।
18 मार्च से 31 मार्च तक सूचीबद्ध मामलों में चार अप्रैल के बाद का समय दिया जाएगा और इस दौरान पूर्व में दिए गए अंतरिम आदेश बरकरार रहेंगे। सिविल मामलों में अदालत की नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भेजी जाएगी। 31 मार्च तक सिविल कोर्ट में मुवक्किलों के प्रवेश पर रोक रहेगी और बिना स्क्रीनिंग के किसी का प्रवेश नहीं होगा। अदालत में सैनिटाइजर, स्क्रीनिंग उपकरण सहित अन्य उपकरणों की उपलब्धता नहीं होने पर जिला जजों को तुरंत हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इसकी सूचना देनी होगी।
लोक अदालत व मध्यस्थता पर लगी रोक
झारखंड हाई कोर्ट ने लोक अदालत, सभी प्रकार की मध्यस्थता और विधिक जागरूकता कार्यक्रम पर भी रोक लगा दी है। प्रधान जिला जजों को निर्देश दिया गया है कि अदालत परिसर के हाजत में आरोपितों की भीड़ न हो और उसकी अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए। ज्यूडिशियल एकेडमी में होने वाले सभी कार्यक्रमों स्थगित कर दिया गया है।
मुख्य सचिव करें व्यवस्था
हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को भी कोरोना वायरस से बचने के उपायों के बारे में विशेष कदम उठाने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, संप्रेक्षण गृह एवं बार सुधार गृह में एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा कहा गया है कि राज्य की जेलों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
कोरोना के चलते झारखंड हाई कोर्ट में आधे कर्मचारी करेंगे काम
झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना वायरस को लेकर विशेष सर्तकता बरती जा रही है। अल्टरनेट डे कार्य करने का आदेश जारी जारी कर दिया गया है। अब अदालत में आधे कर्मचारी काम करेंगे और शेष आधे कर्मचारियों का अवकाश रहेगा। अगले दिन वे आधे कर्मचारी काम पर आएंगे, जिनका अवकाश था। इसको लेकर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ ने आदेश जारी कर दिया है। इसके अलावा कोरोना वायरस को लेकर कोर्ट रूम, सेक्शन कार्यालय, लिफ्ट सहित अन्य जगहों पर संक्रमणरोधी दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
मंगलवार को हाई कोर्ट के सभी कर्मचारियों में मास्क बांटा गया। इस दौरान एक हजार मास्क वितरित किया गया। अदालत में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को मास्क और सैनिटाइजर दिया गया। सेक्शन कार्यालय में काम करने वाले आधे कर्मचारी काम करेंगे और आधे कर्मचारियों का अवकाश रहेगा। दूसरे दिन अवकाश वाले कर्मचारी काम करेंगे। इस दौरान अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों को बिना अनुमति के मुख्यालय छोडऩे की मनाही है। सेक्शन अफसर रैंक के पदाधिकारियों को रोजाना अदालत आना होगा। कोर्ट अफसर अदालतों की साफ-सफाई की व्यवस्था देखेंगे।