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सर्दी के दस्तक देते ही 25 फीसद बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या

सर्दी के दस्तक देते ही हृदय रोगियों की संख्या में 25 फीसद बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 01:52 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 01:52 AM (IST)
सर्दी के दस्तक देते ही 25 फीसद बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या
सर्दी के दस्तक देते ही 25 फीसद बढ़ी हृदय रोगियों की संख्या

जासं, रांची : सर्दी के दस्तक देते ही हृदय रोगियों की संख्या में 25 फीसद बढ़ोतरी दर्ज हुई है। रिम्स हो या फिर निजी अस्पताल सभी अस्पतालों में इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। रिम्स के कार्डिएक ओपीडी में जहां 120 मरीज ही अपना रजिस्ट्रेशन कराते थे। अब बढ़कर 160 हो गई है। कभी-कभी यह संख्या 180 तक चली जाती है। यही हाल भर्ती मरीजों के साथ है, जहां कार्डियोलॉजी विभाग के सभी 70 बेड फुल रहते हैं।

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निजी अस्पतालों का भी है यही हाल :

निजी अस्पताल में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आलम फोर्टिज हॉस्पिटल में भी 30 फीसद से अधिक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पहले 20 से 25 मरीज ओपीडी आते थे। अब 30-35 मरीज ओपीडी में आते हैं। यही हाल मेदांता सहित अन्य अस्पतालों की है।

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इको कराने के लिए 40 दिनों का करना पड़ रहा है इंतजार :

रिम्स में मरीजों को इको कार्डियोग्राफी कराने के लिए कम से कम 40 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में मरीजों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर मरीज के सीने में दर्द आज है, तो उसका इको अब 40 दिन के बाद ही होगा। या फिर निजी संस्थान का सहारा लेना पड़ रहा है। 60 मरीज का इको रोजाना करने के बाद भी प्रतीक्षा सूची में जाना पड़ रहा है। यही हाल एंजियोप्लास्टी की है। इसके लिए भी मरीज को इंतजार करना पड़ रहा है।

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सर्दियों में तापमान कम होने से रक्त नलिकाएं हो जाती है संकरी :

रिम्स के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश कुमार ने बताया कि सर्दियों में तापमान कम होने से रक्त नलिकाएं संकरी हो जाती है। संकरी धमनियों से रक्त के संचरण के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है। इससे रक्तचाप बढ़ जाता है। सर्दियों में रक्त शाखा एवं स्टिीकी हो जाने के कारण हृदय की धमनियों में रक्त के थक्के जमने की आशंका बढ़ जाती है। सर्दियों में पसीना नहीं निकलता है। पानी फेफड़ों में पानी जमा होने से हार्ट फेल्योर के मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती है।

आलम फोर्टिज हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रीतेश कुमार ने बताया कि मरीज की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पहले ओपीडी में इनकी संख्या 20 थी, जो बढ़कर 30 हो गई है। इसलिए हृदय रोगियों को ब्लड प्रेशर की दवा नहीं छोड़नी चाहिए। साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रण मे रखना चाहिए।

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अस्पताल में किन समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं मरीज :

अस्पतालों के ओपीडी में सीने में दर्द, सांस फुलने, बैचेंनी, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर का होना और हार्ट अटैक की समस्याओं के साथ मरीज पहुंच रहे हैं।

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क्या करें :

- सर्दियों में हार्ट एवं ब्लड प्रेशर के मरीज ठंड में सुबह बाहर न जाएं।

- ब्लड प्रेशर को रखें नियंत्रण में।

- बिस्तर उठने से पहले गर्म कपड़े पहने एवं सिर, हाथ पैर को पूरी तरह ढंक कर चले।

- आहार में फल, सब्जियां, अंकुरित, फाइबर ज्यादा लें। तली एवं वसायुक्त भोजन से परहेज करें।

- सीने में दर्द, सांस फुलने या बेचैनी महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से करें संपर्क।


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