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रांची एयरपोर्ट पर बढ़ेगी अराइवल और डिपार्चर गेट की संख्या

यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखकर अथॉरिटी ने लिया निर्णय

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 09:58 AM (IST)
रांची एयरपोर्ट पर बढ़ेगी अराइवल और डिपार्चर गेट की संख्या
रांची एयरपोर्ट पर बढ़ेगी अराइवल और डिपार्चर गेट की संख्या

जागरण संवाददाता, रांची : रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर अराइवल और डिपार्चर गेटों की संख्या बढ़ाने को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है। अब रांची एयरपोर्ट पर एक की जगह दो-दो अराइवल और डिपार्चर गेट होंगे। रांची एयरपोर्ट से हवाई सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए गेट बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई थी। गेट बढ़ाने को लेकर अथॉरिटी द्वारा एएआई को प्रपोजल भेजा गया था। जहां से सहमति मिल चुकी है। एयरपोर्ट के अराइवल और डिपार्चर गेट के बगल में मौजूद ट्रॉली गेट को अराइवल और डिपार्चर गेट के रूप में डेवलप किया जाएगा। साथ ही दोनों ओर शेड का भी विस्तार होगा। दो डिपार्चर गेट होने से मौजूद डिपार्चर गेट से यात्रियों का लोड कम होगा। ज्ञात हो की रांची एयरपोर्ट से औसतन चार हजार यात्री प्रतिदिन उड़ान भरते हैं। दो विमानों के बीच टेक ऑफ का समय अंतराल कम होने के स्थिति में डिपार्चर गेट पर यात्रियों की लंबी लाइन लग जाती है। इसके अलावा नया अराइवल गेट बनने से वर्तमान अराइवल गेट का वैकल्पिक तौर पर इस्तेमाल होगा। एयरपोर्ट अधिकारियों की मानें तो एयरपोर्ट पर लैंड करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने पर या किसी विशेष व्यक्ति को एयरपोर्ट पर लैंड करने की स्थिति में दोनों डिपार्चर गेट को चालू कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट निदेशक प्रभात रंजन बेउरिया ने बताया की अगले तीन माह के अंदर गेट का काम शुरु होने की उम्मीद है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी।

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होगा कॉरिडोर का निर्माण-

एयरपोर्ट की वर्तमान पार्किंग को पुरानी पार्किंग में शिफ्ट किया जाएगा। यह व्यवस्था हज यात्रियों की वापसी समाप्त होते ही लागू कर दिया जाएगा। अराइवल गेट और पुरानी पार्किंग की दूरी लगभग 200 मीटर है। रांची एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों को पार्किंग तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए अराइवल गेट से पार्किंग एरिया तक कॉरिडोर का निर्माण होगा। यात्रियों को पार्किंग तक पहुचने में धूप और बारिश का सामना न करना पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए कोरिडोर निर्माण का फैसला लिया गया है। लगभग 150 मीटर लंबा कोरिडोर बनाया जाएगा।


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