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अब रिम्‍स में ही होगा लालू प्रसाद के किडनी का इलाज, नहीं जाना होगा एम्‍स

Jharkhand. रिम्‍स में किडनी ट्रांसप्‍लांट जल्‍द शुरू होगा। रिम्स में नेफ्रोलॉजिस्ट ने योगदान दे दिया है। लॉकडाउन खत्म होते ही ओपीडी सेवा शुरू होगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 04:15 PM (IST)
अब रिम्‍स में ही होगा लालू प्रसाद के किडनी का इलाज, नहीं जाना होगा एम्‍स
अब रिम्‍स में ही होगा लालू प्रसाद के किडनी का इलाज, नहीं जाना होगा एम्‍स

रांची, जासं। लॉकडाउन के बीच रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) से खुशखबरी है। नेफ्रोलॉजिस्ट की 60 सालों की तलाश सोमवार को खत्म हुई। रांची के ही ऑॢकड हॉस्पिटल में सेवा दे चुकीं डॉ. प्रज्ञा पंत ने रिम्स में सोमवार से अपना योगदान दिया है। लालू प्रसाद के किडनी का इलाज भी अब रिम्‍स में ही हो सकेगा। उन्‍हें अब इसके लिए एम्‍स नहीं जाना होगा। सुपर स्पेशियलिटी ओंकोलॉजी विभाग में सर्जिकल व मेडिकल ओंकोलॉजी पूरी तरह शुरू होने के बाद अब किडनी के मरीजों का भी इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा किया जाएगा।

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किडनी रोग से पीडि़त गंभीर मरीजों को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से निजी अस्पताल नहीं जाना होगा। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि जैसे ही कोई डोनर मिलेगा, किडनी ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा। रिम्स किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पूरी तरह तैयार है। एक सप्ताह के भीतर भी डोनर मिलने पर ट्रांसप्लांट आसानी से किया जा सकेगा। साथ ही लॉकडाउन खुलने के बाद नियमित रूप से नेफ्रोलॉजी की ओपीडी सेवा भी शुरू की जाएगी।

लालू प्रसाद को अब नहीं जाना होगा दूसरा अस्पताल

रिम्स में नेफ्रोलॉजिस्ट के योगदान देने के बाद पिछले डेढ़ साल से यहां इलाज करा रहे चारा घोटाले के चार मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद को अब किडनी रोग से संबंधित चिकित्सीय परामर्श या इलाज के लिए एम्स दिल्ली या दूसरे अस्पताल नहीं जाना होगा। रिम्स में उनका इलाज बेहतर ढंग से किया जा सकेगा। लालू प्रसाद किडनी के मरीज हैं। करीब डेढ़ साल से उनका इलाज किडनी के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा नहीं किया गया है। अब उनकी किडनी की रेगुलर जांच रिम्स में ही होगी। बता दें कि दो महीने पूर्व लालू प्रसाद को किडनी के इलाज के लिए एम्स भेजने की बात चल रही थी। प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी थी।

'रिम्स में सालों से नेफ्रोलॉजी विभाग खोलने की बात चल रही थी। लेकिन कोई डॉक्टर सेवा देने को तैयार नहीं था। ऐसे में नेफ्रोलॉजी विभाग शुरू होना रिम्स के लिए गौरव की बात है। डोनर मिलने से ट्रांसप्लांट जल्द शुरू किया जाएगा। ट्रांसप्लांट में मरीजों को जेब से एक रुपया देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इलाज से लेकर ट्रांसप्लांट तक का पूरा खर्च रिम्स प्रबंधन उठाएगा।' -डॉ. डीके सिंह, निदेशक, रिम्स।


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