कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को नहीं मिली जमानत, एनआइए कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
Ranchi News कुंदन पाहन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के चार साल बाद कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत देने के गुहार लगाई थी। उसकी ओर से अदालत में पक्ष रखने वाले अधिवक्ता ने बताया कि कुंदन पाहन ने जेल में रहने की
रांची, राज्य ब्यूरो। एनआइए की विशेष अदालत ने कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में एनआइए ने जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि कुंदन पाहन तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या समेत कई अन्य हिंसक नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है। ऐसे नक्सली के जेल से बाहर आने पर समाज को खतरा हो सकता है। उसे जमानत की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए।
कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को नहीं मिली जमानत
इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 17 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कुंदन पाहन ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के चार साल बाद कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत देने के गुहार लगाई थी। उसकी ओर से अदालत में पक्ष रखने वाले अधिवक्ता ने बताया कि कुंदन पाहन ने जेल में रहने की अवधि को देखते हुए जमानत देने की गुहार लगाई है। वह अपने परिवार के साथ अपने गांव में रहना चाहता है, इसलिए उसे जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
जेल में रहने की अवधि के आधार पर मांगी थी जमानत
बता दें कि कुंदन पाहन ने राज्य सरकार की सरेंडर नीति के तहत वर्ष 2017 में आत्मसमर्पण किया था। उसके बाद जेल में रहते हुए कुंदन ने पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान तमाड़ से किस्मत आजमाई थी, लेकिन उसे जनता का समर्थन नहीं मिला। कुंदन पाहन पर पांच करोड़ नकद समेत एक किलो सोने की लूट, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार और पूर्व मंत्री रमेश ङ्क्षसह मुंडा की हत्या सहित अन्य मामले दर्ज है। झारखंड पुलिस ने इसपर 15 लाख रुपये का इनाम रखा था। कुंदन पाहन फिलहाल ओपन जेल में बंद है।