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कुख्यात अपराधी राजू गोप पुलिस हिरासत से फरार, गिरफ्तारी के बाद हुआ था हंगामा Ranchi News

Jharkhand Crime News. पुलिस ने राजू को तुपुदाना में हुई फायरिंग और पोस्टरबाजी के मामले में गिरफ्तार किया था। राजू गोप मूल रूप से तुपुदाना के डुंगरू का रहने वाला है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 02:23 PM (IST)
कुख्यात अपराधी राजू गोप पुलिस हिरासत से फरार, गिरफ्तारी के बाद हुआ था हंगामा Ranchi News
कुख्यात अपराधी राजू गोप पुलिस हिरासत से फरार, गिरफ्तारी के बाद हुआ था हंगामा Ranchi News

तुपुदाना (रांची), जासं। Jharkhand Crime News रांची-खूंटी मार्ग के टोरियन वर्ल्ड स्कूल के पास बीते 15 जुलाई की देर रात ताबड़तोड़-फायरिंग और पोस्टरबाजी मामले में गिरफ्तार किया गया कुख्यात अपराधी राजू गोप पुलिस हिरासत से फरार हो गया है। पुलिस ने राजू गोप को गिरफ्तार कर सीठियो टीओपी में रखा था। यहां से राजू गोप पुलिस को चकमा देकर देर रात फरार हो गया।

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उसकी फरारी के बाद से तुपुदाना, धुर्वा और जगन्नाथपुर पुलिस के होश उड़ गए हैं। तीनों थाने की पुलिस राजू गोप को तलाश करने में जुटी है। उसके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बता दें कि राजू गोप की गिरफ्तारी के बाद पुराना थाना का घेराव कर महिलाओं ने खूब हंगामा किया था। हंगामे के बीच पुलिस उसे मेडिकल और कोरोना टेस्ट कराने अस्पताल ले गई थी। इसके बाद कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।

हालांकि शाम होने की वजह से राजू गोप को जेल नहीं भेजा जा सका और उसे सीठियो टीओपी में रखा गया था। वहीं से फरार हो गया। पुलिस को जानकारी मिली है कि फायरिंग की घटना में पीएलएफआइ उग्रवादियों के साथ राजू भी शामिल रहा है। इस मामले में राजू गोप के अलावा लाका पहान और अनिल मुंडा को नामजद आरोपी बनाते हुए तुपुदाना ओपी में एफआइआर दर्ज किया गया है।

इसी मामले में राजू को गिरफ्तार किया गया था। राजू गोप बीते 19 जून को जेल से छूटा था। बीते 3 अगस्त 2015 को राजू गोप को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ा था। उसके पैर में गोली भी लगी थी। राजू गोप मूल रूप से तुपुदाना के डुंगरू का रहने वाला है। वह तुपुदाना चौक पर जमीन कारोबारी लाल अशोक नाथ शाहदेव की हत्या के बाद चर्चा में आया था।

लेवी के लिए 20 क्रशर संचालकों को किया गया था कॉल

लेवी के लिए 20 क्रशर संचालकों और तीन ब्रिक्स बनाने वाले संचालकों को पीएलएफआइ के विशाल जी के नाम पर फोन किया गया था। सभी को लेवी देने की हिदायत दी गई थी। मोबाइल पर कॉल आने के बाद सभी दहशत में थे। हालांकि कुछ लोगों ने ही पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद क्रशर में घुसकर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया था। आसपास पोस्टरबाजी की गई। इसके बाद क्रशर में घुसकर पर्चा भी थमाए। जहां-जहां क्रशर में कर्मी मिले, उनके साथ मारपीट भी की गई थी।

धमकी भरा बैनर

जंगली इलाकों में पीएलएफआइ के नाम पर धमकी भरे बैनर लगाए गए थे। इसमें खदान और क्रशर संचालकों को चेतावनी दी गई है। बैनर में लिखा गया है कि अगर बिना संगठन के आदेश के क्रशर व खदान का संचालन किया गया तो फौजी कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार की सुबह इसे पुलिस ने जब्त कर लिया था। इस घटना के बाद क्रशर संचालक दहशत में हैं। किसी भी क्रशर संचालक ने खुद आवेदन देकर एफआइआर दर्ज नहीं कराई। पुलिस को खुद एफआइआर दर्ज करना पड़ा।


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