शिक्षकों के वेतनमान में बढ़ोतरी नहीं करने पर शिक्षा निदेशक को अवमानना नोटिस
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में शिक्षकों के वेतनमान मामले में सुनवाई हुई।
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में शिक्षकों के वेतनमान में बढ़ोतरी को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने पूछा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए। नौ दिसंबर को निदेशक को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देना है। इस संबंध में सुनील कुमार शुक्ला की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता सुबोध कुमार पांडेय ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि राज्य के सभी शिक्षकों को प्रवरण वेतनमान (प्रोन्नति के साथ वेतनमान में बढ़ोतरी) और वरीय वेतनमान बढ़ोतरी दी जाए। इसको लेकर राज्य के सभी जिलों में स्थापना कमेटी बनाई गई, जिसके अध्यक्ष उपायुक्त को बनाया गया। कमेटी ने मेरिट लिस्ट बनाकर सभी शिक्षकों को प्रवरण और वरीय वेतनमान देने की अनुशंसा की। लेकिन देवघर, पाकुड और गढ़वा के शिक्षकों को दोनों का लाभ दिया गया। जबकि अन्य जिलो में सिर्फ वरीय वेतनमान में बढ़ोतरी की गई। प्रार्थी सुनील कुमार शुक्ला की वर्ष 1998 में ओरमांझी के सदमा प्रोजेक्ट हाई कोर्ट में शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई थी। नियमानुसार 12 साल में प्रवरण वेतनमान और 24 साल की सेवा के बाद वरीय वेतनमान में बढ़ोतरी की जाती है। लेकिन इन्हें अभी तक इसका कोई लाभ नहीं मिला है। इस मामले में वर्ष 2015 में ही हाई कोर्ट ने सभी तरह का लाभ देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। लेकिन सरकार की ओर से कुछ भी नहीं किया गया। इस पर उनकी ओर से अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला को कोर्ट में पेश होकर यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाए।