कोरोना ही नहीं बरसात की घातक बीमारियों से भी बचाएगा काढ़ा
जासं रांची कोरोना संक्रमण का कहर अभी-अभी राज्य में कम हुआ है।
जासं, रांची: कोरोना संक्रमण का कहर अभी-अभी राज्य में कम हुआ है। वहीं इस बीच मानसून भी पहुंच गया है। बरसात शुरू होते ही अन्य सीजनल बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ गया है। सर्दी-गरमी के इस मौसम में अपना सही तरीके से ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में काढ़े का सेवन कई रोगों के लिए रामबाण माना जा रहा है। इस बारे में बताते हुए आयुर्वेदाचार्य संपूर्णानंद मिश्रा बताते हैं कि कोरोना संक्रमण में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार लोगों ने काढ़े का उपयोग करके इसकी उपयोगिता को जाना है। लेकिन अब बदलते मौसम और बरसात में डेंगू-मलेरिया जैसे रोगों से भी काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर बचाएगा। उन्होंने बताया कि काढ़ा सर्दी-जुकाम, खांसी और संक्रामक रोगों के लिए आयुर्वेदिक उपचार है जो व्यक्ति को मानसून में होने वाली बीमारियों से बचा सकते हैं। इस मौसम कुछ विशेष प्रकार के काढ़ों का इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना चाहिए। दिन में एक से दो कप काढ़ा शरीर के फायदेमंद है। इससे ज्यादा पीने से पेट की परेशानी या सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
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तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
ये काफी लोकप्रिय काढ़ा है। इसके लिए 2 कप पानी, 1 चम्मच चीनी, 1 चम्मच पीसी काली मिर्च, पिसा एक चम्मच अदरक, एक या दो लौंग के साथ 5-6 तुलसी की पत्ती को पानी में डालकर एक चौथाई होने तक उबालें। काढ़े का रंग हल्का भूरा होने लगे तो इसे छानकर इस्तेमाल करें।
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तुलसी और लौंग का काढ़ा:
इसे बनाने के लिए एक कप तुलसी लें। इसके साथ तीन से पांच लौंग लें। आधा लीटर पानी में दोनों को उबालें। पानी जब आधा रह जाए तो उसे छानकर ठंडा कर लें। इसके बाद थोड़ी-थोड़ी देर में इसे पीते रहें। ये काढ़ा बुखार के साथ सर्दी और जुकाम में काफी कारगर है।
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अदरक, नींबू और शहद का काढ़ा
अदरक, नींबू और शहद काढ़ा कई रोगों की रामबाण दवा है। इसे बनाने के लिए एक बड़ा चम्मच कद्दूकस किया अदरक लें। इसके साथ एक बड़ा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू लें। सभी को साथ मिलाकर आधा लीटर पानी में काढ़ा बनाएं। जब आधा पानी बचे तो इसे छानकर गर्म-गर्म चाय की तरह खाली पेट लें।