चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने को अस्पतालों में नियुक्त होंगे नोडल पदाधिकारी
रांची कोविड एवं गैर कोविड अस्पतालों में चिकित्सकों पारामेडिकल कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी अनिवार्य रूप से नियुक्त किए जाएंगे। डॉ. आयुषी जैन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश के आलोक में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है।
रांची : कोविड एवं गैर कोविड अस्पतालों में चिकित्सकों, पारामेडिकल कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी अनिवार्य रूप से नियुक्त किए जाएंगे। डॉ. आयुषी जैन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश के आलोक में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किया है। इसमें अस्पतालों में चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए सारे आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा गया है कि कोरोना मरीजों के उपचार के क्रम में अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा में चूक होने की स्थिति में उनके संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। इस तरह की चूक से बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी इलाज के क्रम में संक्रमित हो रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के तहत सभी अस्पतालों के नोडल पदाधिकारी उन अस्पतालों में सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संक्रमण से बचाव को लेकर निर्धारित प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट के इस्तेमाल से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण, नियमित थर्मल स्क्रीनिग आदि की निगरानी का दायित्व नोडल पदाधिकारी के ऊपर होगा। नोडल पदाधिकारी अपने अधीन एक उपसमिति गठित करेंगे, जो जोखिम के स्तर का आकलन कर चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के क्वारंटाइन पर निर्णय लेगी। कोविड वार्ड में कार्य करने वाले चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों जैसे उच्च जोखिम वाले लोगों के क्वारंटाइन की अवधि शुरू में एक सप्ताह होगी। इसके बाद उनकी स्वास्थ्य जांच तथा उपसमिति की अनुशंसा पर नोडल पदाधिकारी या विभागाध्यक्ष आगे एक सप्ताह के क्वारंटाइन का निर्णय लेंगे। एक सप्ताह बाद लक्षण के आधार पर उनकी कोरोना जांच की जाएगी तथा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जांच के क्रम में संक्रमित पाए जाने के बाद उनका कोविड वार्ड में इलाज होगा। संक्रमित नहीं पाए जाने पर चिकित्सक या अन्य कर्मी नियमित रूप से कार्य करते रहेंगे।
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चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन का हो नियमित भुगतान :
स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में कोविड-19 से जुड़े कार्यों में लगे सभी चिकित्सकों, नर्सों, पारामेडिकल कर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को नियमानुसार समय पर वेतन या मानदेय भुगतान करने का भी आदेश दिया है। बता दें कि डॉ. आयुषी जैन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वाद में पारित अपने अंतरिम आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी चिकित्सकों, पारामेडिकल कर्मियों आदि को समय पर वेतन देने का आदेश दिया है।
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