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दो साल में लाखों नौकरी देने का वादा, पर पहले साल कोई बहाली नहीं

रांची सरकार में मुख्य भूमिका निभा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार बनने के दो साल के अंदर विभिन्न खाली पड़े सरकारी पदों पर लाखों झारखंडी युवकों को नौकरी देने की घोषणा की थी। लेकिन दो साल में पहले साल राज्य में तृतीय श्रेणी के पदों पर एक भी नई बहाली नहीं हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:56 PM (IST)
दो साल में लाखों नौकरी देने का वादा, पर पहले साल कोई बहाली नहीं
दो साल में लाखों नौकरी देने का वादा, पर पहले साल कोई बहाली नहीं

रांची : सरकार में मुख्य भूमिका निभा रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार बनने के दो साल के अंदर विभिन्न खाली पड़े सरकारी पदों पर लाखों झारखंडी युवकों को नौकरी देने की घोषणा की थी। लेकिन, दो साल में पहले साल राज्य में तृतीय श्रेणी के पदों पर एक भी नई बहाली नहीं हुई। पार्टी ने नौकरी नहीं देने पर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भी किया था। नौकरियां देने की घोषणा सरकार में शामिल दूसरे दल कांग्रेस और राजद ने भी की थी। राजद ने प्रति साल 50 हजार रोजगार के नए पद सृजित करने के वादे किए थे। ये सारे संकल्प अभी कागजी घोषणा पत्र पर ही हैं।

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राज्य में तृतीय श्रेणी के पदों पर बहाली की जिम्मेदारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की है। लेकिन, यहां एक साल में कोई नई बहाली नहीं निकली है। आयोग ने अंतिम बार पिछले वर्ष सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा तथा झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आवेदन मंगाए थे। इसके बाद नई बहाली तो दूर, विभिन्न कारणों से ये दोनों परीक्षाएं भी नहीं हो सकीं। पिछले वर्ष अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण दो माह तक कोई नई बहाली नहीं निकली। बाद में नियोजन नीति में संशोधन के प्रयास तथा नियुक्ति नियमावलियों के गठन या संशोधन में सरकार की सुस्ती के कारण किसी पद के लिए नई बहाली ही नहीं निकली। कई पदों का रोस्टर क्लीयरेंस नहीं होने से भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। अलबत्ता, झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) से कुछ बहालियां हुई हैं। इनमें खेल पदाधिकारियों तथा चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति शामिल हैं। इनमें खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया काफी पहले शुरू हो गई थी।

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एक साल में टेट परीक्षा भी नहीं ले सकी सरकार :

राज्य में एक साल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) भी नहीं हो सकी। यह परीक्षा पिछले साल सितंबर माह में ही होने वाली थी, लेकिन नियमावली में कुछ अस्पष्टता को दूर करने में भी एक साल से अधिक समय लग गए। अभी तक इस परीक्षा के आयोजन का कोई अता-पता नहीं है।

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तनाव में हैं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करनेवाले अभ्यर्थी :

एक साल से नई बहाली नहीं निकलने से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी परेशान हैं। उनका कहना है कि एक साल उनका ऐसे ही बर्बाद हो गया है। रांची में रहकर परीक्षा की तैयारी कर रहे पलामू के छात्र ब्रजेश सिंह कहते हैं, नियोजन नीति के विवाद में नई बहाली ही ठप हो गई। सरकार को बहाली का अपना वादा पूरा करना चाहिए। वहीं, रातू रोड निवासी आशुतोष कुमार कहते हैं, एक साल में देखा जाए तो कोई नई बहाली नहीं हुई। छिटपुट बहाली भी हुई, तो उसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई थी। कोरोना काल में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयार कर रहे युवा तनाव में हैं।

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ये प्रतियोगिता परीक्षाएं भी पूरी नहीं करा सकी सरकार :

- संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा

सहायक प्रशाखा पदाधिकारी : 362

प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी : 223

प्रखंड कल्याण पदाधिकारी : 139

अंचल निरीक्षक सह कानूनगो : 170

सहकारिता प्रसार पदाधिकारी : 241

प्लानिग असिस्टेंट : 05

प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी : 120

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- झारखंड एएनएम नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा

पद : 1,698

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इन परीक्षाओं का जारी नहीं हुआ परिणाम :

- पंचायत सचिव नियुक्ति परीक्षा

- आइआरबी कांस्टेबल नियुक्ति परीक्षा

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इन पदों के लिए नहीं निकली बहाली :

- मॉडल स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति

- कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति

- स्वास्थ्य विभाग के अधीन पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति

- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अनुदेशक

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