Move to Jagran APP

थानेदार की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं, आठ दिनों तक नहीं दर्ज की थी चोरी की एफआइआर Ranchi News

रांची जिले में थाना स्तर पर लापरवाही आम बात हो गई है। इसका कारण है शिकायत मिलने के बावजूद वरीय अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं। पिठोरिया थानेदार की मनमानी सामने आने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों ने संज्ञान तो लिया लेकिन किसी भी तरह...

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 08:19 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 08:19 AM (IST)
थानेदार की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं, आठ दिनों तक नहीं दर्ज की थी चोरी की एफआइआर Ranchi News
थानेदार की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं। प्रतीकात्मक तस्वीर

रांची (जागरण संवाददाता) । रांची जिले में थाना स्तर पर लापरवाही आम बात हो गई है। इसका कारण है शिकायत मिलने के बावजूद वरीय अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं। पिठोरिया थानेदार की मनमानी सामने आने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों ने संज्ञान तो लिया लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई। थानेदार को केवल फटकार लगाकर छोड़ दिया। नतीजा है कि शिकायत सामने आने के 15 दिनों बाद तक कोई कार्रवाई नही हुई है। मामला चोरी से संबंधित केस को 8 दिनों तक लटका कर रखने का है। एक बाइक चोरी की एफआइआर करने में एक दो दिन नहीं बल्कि पूरे आठ दिनों तक टाला गया था।

loksabha election banner

पीड़ित को आठ दिनों के भीतर पांच बार थाने दौड़ाया गया, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं की गई, न ही इसकी कॉपी दी। जबकि हर संज्ञान लेने योग्य (कॉग्नीजेबल ऑफेंस) मामले में थानेदार स्तर पर तुरंत एफआइआर दर्ज कर पीड़ित को उसकी कॉपी देने का नियम है। चोरी का मामला धारा 379 भी कॉग्नीजेबल ऑफेंस की श्रेणी में है। सारे नियमों को ताक पर रखकर पिठोरिया थाना प्रभारी विनय कुमार यादव ने पूरे आठ दिनों तक न एफआइआर दर्ज की, न ही घटनास्थल पर पीड़ित के साथ पहुंचकर जांच कराई थी।

हालांकि वरीय अधिकारियों की खानापूर्ति वाली फटकार के बाद आठ दिनों बाद एफआईआर दर्ज की गई। 12 अक्टूबर की घटना पर 19 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया और 20 अक्टूबर को एफआईआर की कॉपी कोर्ट और वरीय अधिकारियों के कार्यालय तक पहुंची। लेकिन इसपर किसी ने यह सवाल उठाना भी जरूरी नहीं समझा कि आखिर घटना के पूरे नौ दिनों बाद एफआईआर क्यों कोर्ट पहुंची।

पुलिस की लापरवाही से चोरों को भागने का मिला मौका

कोकदोरो निवासी अब्दुल गफ्फार अंसारी की बाइक 12 अक्टूबर को कुम्हरिया बाजार से करीब चार बजे चोरी कर ली गई थी। चोरी के बाद इस तरह पुलिस की लापरवाही से चोर को भागने और बाइक खपाने का पूरा मौका मिला, जबकि पीड़ित को बीमा कंपनी द्वारा एफआइआर देने के लिए कहा गया था। एफआईआर टालने की वजह से बीमा क्लेम की प्रक्रिया बाधित हो गयी। ऐसे में सवाल उठता है इस कार्यप्रणाली में पुलिस चोर को कैसे पकड़ेगी। यह कारनामा इंगित कर रही कि पुलिस के लिए चोरी की घटना महत्वहीन है।

ऐसे की गई थी लापरवाही

- 12 अक्टूबर 2020 को करीब चार बजे बाइक चोरी के बाद पीड़ित अब्दुल गफ्फार ने थाना प्रभारी को कॉल कर सूचना दी। घटनास्थल पर कोई पुलिस नहीं पहुंची।

- 12 अक्टूबर की शाम पीड़ित पिठोरिया थाना पहुंचे और एफआइआर के लिए आवेदन दिया, उन्हें दूसरे दिन यानी 13 अक्टूबर को आने के लिए कहा गया।

- 13 अक्टूबर को पीड़ित पहुंचे, उन्हें एफआइआर की कॉपी नहीं दी गई, बाद में आने की बात कही गई।

- 17 अक्टूबर को पीड़ित के साथ संबंधित बाइक को बीमा करने वाली कंपनी के कर्मी पहुंचे और एफआइआर की कॉपी मांगी गई। लेकिन पूरा रजिस्टर खंगाला कोई एफआइआर दर्ज नहीं थी।

- 19 अक्टूबर की सुबह करीब नौ बजे पीड़ित पहुंचे और एफआइआर की कॉपी मांगी, बाद में आने के लिए कहा गया। दोबारा दस बजे के बाद पहुंचे तो कहा गया बड़ा बाबू निकल चुके हैं। एफआइआर दर्ज कर कॉल कर दिया जाएगा। फोन नंबर लिखा गया। लेकिन शाम तक कोई कॉल नहीं किया गया।

- ग्रामीण एसपी की फटकार के बाद 19 अक्टूबर की शाम आनन फानन में एफआईआर दर्ज कर दी, 20 अक्टूबर को संबंधित कॉपी कोर्ट पहुंची।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.