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Terror Funding Case: PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के 4 सहयोगियों के यहां NIA का छापा

Jharkhand. तोरपा निवासी अमित जयसवाल प्रकाश भुइयां और तपकारा थाना क्षेत्र के डिगरी गांव निवासी सीताराम जयसवाल के घर एनआइए की छापेमारी चल रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:46 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 09:25 PM (IST)
Terror Funding Case: PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के 4 सहयोगियों के यहां NIA का छापा
Terror Funding Case: PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप के 4 सहयोगियों के यहां NIA का छापा

रांची, जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) सुप्रीमो दिनेश गोप के चार सहयोगियों के यहां शनिवार को दबिश दी। तोरपा व तपकरा के चारों आरोपितों पर दिनेश गोप के लेवी-रंगदारी के रुपयों को निवेश करने का आरोप है। एनआइए ने आत्मसमर्पण करने वाले पीएलएफआइ के उग्रवादी जयप्रकाश भुइंया के हिल चौक तोरपा स्थित आवास, अमित जायसवाल के तोरपा मेन रोड स्थित आवास, डिगरी में सीताराम भगत का आवास एवं कोटेंगेरा के रंजीत गोप और चंदन उर्फ चंदू के संयुक्त रूप से संचालित मां रेस्टोरेंट में भी छापेमारी की। छापेमारी से तोरपा पुलिस को दूर रखा गया था।

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एनआइए के एसपी अमित सिंह के नेतृत्व में टीम सुबह साढ़े पांच बजे ही तोरपा पहुंच गई थी। सुबह छह बजे से सभी चार जगहों पर एक साथ छापामारी शुरू की गई। एनआइए की टीम में एएसपी राज चौधरी और इंस्पेक्टर पी. आगरे भी शामिल थे। एनआइए की टीम ने मां रेस्टोरेंट के संचालक रंजीत गोप और चंदू भगत को पूछताछ के लिए गाड़ी से रनिया की ओर लेकर गई। पूर्व में उग्रवादी रहे जयप्रकाश भुइयां पहले ही आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए थे।

मूलरूप से रनिया थाना क्षेत्र के रहने वाले जयप्रकाश भुइयां तोरपा में सपरिवार रहते हैं। उनके खिलाफ एनआइए कोर्ट में मामला विचाराधीन है। पूर्व में एनआइए उनकी एक बस और स्कॉर्पियो को जब्त कर चुकी है। इससे पहले भी एनआइए अमित जायसवाल व जयप्रकाश भुइंया आदि को पूछताछ के लिए कई बार रांची बुला चुकी है। वर्तमान में अमित जायसवाल बस एजेंट हैं। जयप्रकाश भुइयां की बस चलती है, सीताराम भगत जीवन बीमा एजेंट है और रंजीत गोप का मां रेस्टोरेंट नाम से होटल है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों की बंदी के वक्त रांची के बेड़ो में जब्त दिनेश गोप के 25 लाख 38 हजार रुपये के मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान एनआइए ने पाया कि उक्त राशि ठेकेदारों-व्यवसायियों से लेवी-रंगदारी के माध्यम से वसूली गई थी। जांच के दौरान ही यह खुलासा हुआ कि दिनेश गोप अपने पारिवारिक सदस्यों, सहयोगियों के माध्यम से लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में निवेश करता था।

इसी क्रम में एनआइए ने दिनेश गोप के सहयोगियों के पास से 42.79 लाख रुपये नकद व करीब 70 लाख रुपये की अन्य चल-अचल संपत्ति जब्त की थी। जांच में दो दर्जन से अधिक बैंकों में दिनेश गोप के पारिवारिक सदस्यों, दोनों पत्नियों के माध्यम से 2.5 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी भी मिल चुकी है। एनआइए इस मामले में पूर्व में 10 गिरफ्तार व एक फरार आरोपित के विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। मामले का अनुसंधान जारी है।

30 जनवरी को गिरफ्तार हुई थी गोप की दोनों पत्नियां

दिनेश गोप की दोनों पत्नियां गत 30 जनवरी को गिरफ्तार हुई थीं। दोनों अब एनआइए की सरकारी गवाह बन चुकी हैं। दिनेश गोप की दोनों पत्नियों में हीरा देवी व शकुंतला कुमारी शामिल हैं। इनपर लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में निवेश करने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। इनके कोलकाता स्थित आवास की तलाशी में शेल कंपनियों में लेवी के रुपयों को निवेश से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे। इसी मामले की छानबीन के क्रम में तोरपा व तपकरा के चारों सहयोगियों के बारे में एनआइए को जानकारी हाथ लगी थी।


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