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एनआइए ने टीएसपीसी के जोनल कमांडर पर दाखिल किया पूरक आरोप पत्र

रांची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में गुरुवार को तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के जोनल कमांडर विकास गंझू उर्फ अविनाश उर्फ दशरथ गंझू उर्फ वरुण पर पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 06:52 PM (IST)
एनआइए ने टीएसपीसी के जोनल कमांडर पर दाखिल किया पूरक आरोप पत्र
एनआइए ने टीएसपीसी के जोनल कमांडर पर दाखिल किया पूरक आरोप पत्र

रांची : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में गुरुवार को तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के जोनल कमांडर विकास गंझू उर्फ अविनाश उर्फ दशरथ गंझू उर्फ वरुण पर पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। टेरर फंडिग मामले की जांच कर रही एनआइए का यह दूसरा पूरक आरोप पत्र है। आरोप पत्र के अनुसार टीएसपीसी के जोनल कमांडर विकास गंझू मूल रूप से चतरा जिले के कुंदा थाना क्षेत्र स्थित मगरटोला का रहने वाला है। गिरफ्तारी के बाद एनआइए ने उसे रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ की, जिसमें पता चला कि उसने लेवी-रंगदारी के रुपयों से उग्रवादी संगठन को मजबूत किया। इस राशि से आतंकी गतिविधियां संचालित की।

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एनआइए ने पहला पूरक आरोप पत्र 23 जुलाई 2019 को टीएसपीसी के आठ उग्रवादियों के खिलाफ दाखिल किया था। जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था, उनमें श्याम भोक्ता उर्फ डीसी, उचित महतो, प्रेमसागर महतो, अमित सिंह, आक्रमण, लक्ष्मण गंझू उर्फ कोहराम, मुकेश गंझू और नागेश्वर गंझू उर्फ तरुण शामिल हैं। इसके अलावा एनआइए ने टीएसपीसी के जोनल कमांडर विकास उर्फ वरुण जी, प्रेमजीत उर्फ सोनू दास तथा अन्य फरार आरोपितों के विरुद्ध अनुसंधान जारी रखा था। बाद में विकास पकड़ा गया था और प्रेमजीत मारा गया था।

राज्य में टेरर फंडिग की जांच कर रही एनआइए ने पलामू के पांकी थाने में दर्ज इस केस को नौ जुलाई 2018 को टेकओवर करते हुए नई प्राथमिकी दर्ज की थी। तब सिर्फ श्याम भोक्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। श्याम भोक्ता 23 नवंबर 2017 को पांकी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार हुआ था। उसके पास से पांच लाख रुपये नकद, एक देसी पिस्टल, दो कारतूस तथा अन्य सामान बरामद किए गए थे। इस मामले में पांकी थाने में 23 नवंबर 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पलामू पुलिस जांच कर ही रही थी कि टेरर फंडिग के मामलों की जांच कर रही एनआइए ने इस केस को भी टेकओवर किया और नौ जुलाई 2018 को नई प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था।

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दहशत फैलाकर लेवी वसूलना था उग्रवादियों का लक्ष्य :

एनआइए के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि श्याम भोक्ता, उचित महतो, प्रेम सागर महतो व अमित कुमार सिंह टीएसपीसी के उग्रवादी हैं। ये रिजनल कमांडर आक्रमण, कोहराम व मुकेश तथा नागेश्वर गंझू के साथ दहशत कायम कर लेवी वसूलते रहे हैं। आतंकी गतिविधियों में लेवी के रुपयों का उपयोग करते थे। श्याम भोक्ता की गिरफ्तारी के बाद उसके पास से पांच लाख रुपये नकद, एक देसी पिस्टल, दो जिदा कारतूस मिले थे। इसके बाद उसकी निशानदेही पर लंबीटांड़ पहाड़ से एलएमजी राइफल, नाइन एमएम पिस्टल, राइफल, मैगजीन और विभिन्न हथियारों के कारतूस तथा हथियार बनाने के सामान आदि मिले थे। टीएसपीसी राज्य में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन है, जो भाकपा माओवादी से टूटकर बना है।

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