विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में एनआइए ने पूर्व मंत्री राजा पीटर को बताया मास्टरमाइंड
विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच कर रही एनआइए ने पूर्व मंत्री राजा पीटर सहित 17 अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पूर्व मंत्री राजा पीटर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन व विधायक के अंगरक्षक शेष नाथ खरवार सहित 15 अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल की है। प्रधान न्यायायुक्त सह एनआइए के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एनआइए ने राजा पीटर को इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।
जानें, क्या है मामला
गौरतलब है कि नौ जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाई स्कूल में एक समारोह के दौरान तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा सहित चार लोगों की हत्या हुई थी। इसके बाद रांची पुलिस ने कुछ दिनों तक पूरे मामलों की जांच की। बाद में यह मामला सीआइडी को स्थानांतरित हो गया था। इस मामले में सीआइडी के हाथ खाली रहे थे। तब एनआइए ने 28 जून 2017 को उक्त मामले को टेकओवर किया, जिसमें प्राथमिकी दर्ज कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।
एनआइए ने जांच के दौरान पाया:
एनआइए की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री राजा पीटर ही विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का मास्टरमाइंड व षड्यंत्रकारी था। राजा पीटर ने राजनीति में अपना कद बढ़ाने के लिए षड्यंत्र रचकर माओवादियों के हाथों रमेश सिंह मुंडा को रास्ते से हटवाया। इसके लिए पीटर ने माओवादियों को भारी मात्रा में नकदी व हथियार मुहैया कराया। माओवादियों की मदद से ही राजा पीटर ने रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ के उप चुनाव को जीता और झारखंड सरकार में मंत्री बने।
जिनके विरुद्ध एनआइए ने दाखिल की चार्जशीट
- शेषनाथ सिंह खरवार (07 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार)।
- गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर (09 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार)।
- प्रफुल्ल कुमार महतो उर्फ भक्ति महतो (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)।
- जय गणेश उर्फ जय गणेश लोहरा (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)।
- अमुश मुंडू उर्फ भीम (15 जनवरी 2018 को गिरफ्तार)।
- बलराम साहू उर्फ बोलो उर्फ डेविड उर्फ राजू उर्फ अली खान (राज्य पुलिस ने 14 सितंबर 2009 को गिरफ्तार किया था)।
- कुंदन पाहन उर्फ विकास दा उर्फ आशीष (राज्य पुलिस के सामने 27 मई 2017 को आत्मसमर्पण किया)।
- राधे श्याम बड़ाईक (17 जुलाई 2017 को गिरफ्तार)।
- भाजोहरी सिंह मुंडा (फरार)।
- कृषि दांगिल उर्फ सुशील दांगिल उर्फ विनोद (फरार)।
- गुरुआ मुंडा (फरार)।
- विवेक जी उर्फ विवेक दा उर्फ प्रयाग मांझी उर्फ करण दा उर्फ फुच्चू उर्फ लेतरा (फरार)।
- रमेश उर्फ तुफान दा उर्फ अनल दा उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी (फरार)।
- राजेश दा उर्फ राजेश संथाल उर्फ फुलचंद टुड्डू (फरार)।- मनीष दा उर्फ प्रशांत बोस उर्फ किसन दा उर्फ बुधा (फरार)।
तीन मृत नक्सलियों पर भी दाखिल है चार्जशीट, नाम हटाया
- घासी राम मुंडा, तुलसी दास व पवन लोहरा।
इनकी भूमिका पर जारी है जांच
सोनू, राजेश मछुआ, महेश व अन्य आरोपितों के विरुद्ध जांच जारी।
राजा पीटर के मामले में बहस पूरी, फैसला सुरक्षित
हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की कोर्ट में राजा पीटर की ओर से एनआइए जांच को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की एनआइए जांच के लिए गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। जिसके बाद ही एनआइए इस मामले की जांच कर रही है।
पिछली सुनवाई के दौरान राजा पीटर की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक पत्र पर पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के जांच की जिम्मेदारी एनआइए को सौंपी गई है। जांच के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह गंभीर मामला है। इसलिए इसकी जांच एनआइए को सौंपा गया है। राजा पीटर की ओर से इस अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि अगर यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था तो एनआइए ने इस मामले को हैंडओवर लेने में इतनी देर क्यों की?
उसको 2008 में ही इस मामले को अपने हाथ ले लेना चाहिए था। एनआइए ने बिना सबूत जुटाए ही राजा पीटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बता दें कि प्रार्थी पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल क्वैसिंग याचिका दाखिल की है। एनआइए ने उन्हें रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया है। 2008 में बुंडू में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।