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तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सुधाकरण व उसकी पत्नी पर एनआइए ने दर्ज की दूसरी प्राथमिकी

राज्य ब्यूरो रांची तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने वाले एक करोड़ रुपये के इनामी भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण व 25 लाख रुपये के इनामी उसकी पत्नी नीलिमा सहित 11 नामजद आरोपितों व 100-110 अज्ञात माओवादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रांची शाखा में 19 अप्रैल 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 07:10 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 07:10 PM (IST)
तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सुधाकरण व उसकी पत्नी पर एनआइए ने दर्ज की दूसरी प्राथमिकी

राज्य ब्यूरो, रांची : तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने वाले एक करोड़ रुपये के इनामी भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण व 25 लाख रुपये के इनामी उसकी पत्नी नीलिमा सहित 11 नामजद आरोपितों व 100-110 अज्ञात माओवादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की रांची शाखा में 19 अप्रैल 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह सुधाकरण पर दर्ज दूसरा मामला है, जिसमें एनआइए ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस केस के अनुसंधान की जिम्मेदारी एनआइए के डीएसपी अमरनाथ अगड़े को दी गई है।

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पूरा मामला टेरर फंडिग का है। लातेहार के गारू थाने में दो सितंबर 2017 को इससे संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे एनआइए ने टेकओवर किया है। इसके केस के बाद ही एनआइए की दबिश बढ़ने पर सुधाकरण व उसकी पत्नी ने झारखंड छोड़ दिया था और 11 फरवरी 2019 को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

सबसे पहले रांची के चुटिया थाना क्षेत्र में स्टेशन रोड स्थित पटेल चौक के पास से 30 अगस्त, 2017 को सुधाकरण के सहयोगी सत्यनारायण रेड्डी व सुधाकरण के भाई बी. नारायण पकड़े गए थे। उनके पास से लेवी के 25 लाख रुपये नगद, आधा किलोग्राम सोना व नक्सली दस्तावेज आदि मिले थे। सभी रुपये तेलंगाना ले जाए जा रहे थे। इस मामले में 31 अक्टूबर 2017 को ही एनआइए ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसके बाद से ही एनआइए इस मामले का अनुसंधान कर रही है।

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एनआइए ने अनुसंधान के दौरान गारू थाने के केस को टेकओवर किया :

रांची के चुटिया थाने में दर्ज केस के अनुसंधान के दौरान पता चला कि सुधाकरण का सहयोगी गुमला का ठेकेदार प्रभु साव है। वह केंदू पत्ता कारोबारियों, ठेकेदारों से लेवी वसूलकर सुधाकरण तक पहुंचाता है। उसने ही सुधाकरण के भाई बी. नारायण व सहयोगी सत्यनारायण रेड्डी को रांची स्थित पटेल चौक पहुंचाया था और लौट गया था। सत्यनारायण रेड्डी व बी. नारायण की गिरफ्तारी के बाद प्रभु साव का नाम आया था, जिसे एनआइए ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रभु ने ही एनआइए को बताया था कि लातेहार के रूद पंचायत में सुधाकरण सहित 100-110 नक्सली जुटे हैं, जो बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। प्रभु साव की निशानदेही पर ही रूप जंगल से लातेहार पुलिस व एनआइए ने मिलकर एसएलआर के 13 कारतूस व नक्सली साहित्य बरामद किया था। इस मामले में लातेहार के गारू थाने में दो सितंबर 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे एनआइए ने अब टेकओवर किया है और इसी 19 अप्रैल 2021 को एनआइए की रांची शाखा में प्राथमिकी दर्ज की है।

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एनआइए ने इनके खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी :

- प्रभु साव : ओराटोली, गोबरशैला, विशुनपुर, गुमला, झारखंड।

- बलराम उरांव : रेहलदाग, लातेहार।

- छोटू खेरवार उर्फ सुजीत : सिकिद, हेरहंज, लातेहार।

- सुधाकरण उर्फ ओंगू सत्वाजी उर्फ बुरियार उर्फ किरण : सारंगपुर, अदिलाबाद, निर्मल, तेलंगाना।

- नीलिमा उर्फ माधवी उर्फ बेदुगुला उर्फ अरुणा उर्फ जया उर्फ पद्मा उर्फ माधवाका : पति सुधाकरण, सारंगपुर, अदिलाबाद, निर्मल, तेलंगाना।

- प्रदीप चेरो : बरियातू जागीर, लातेहार।

- नीरज जी उर्फ संजय सिंह : अबून, पांकी, पलामू।

- रवींद्र गंझू उर्फ सुरेश गंझू : बांझीटोला, चंदवा, लातेहार।

- मृत्युंजय जी उर्फ फरेश भुइया उर्फ अवधेश जी : नावाडीह, चकलावा, छीपादोहर, लातेहार।

- विश्राम उरांव : रुद, दलदलिया, गारू, लातेहार।

- मनोज सिंह : सिसई रोड, गुमला।

- अन्य 100-110 अज्ञात माओवादी।

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