Jharkhand: एनआइए ने एक करोड़ के इनामी अनल सहित 34 नक्सलियों पर दाखिल की चार्जशीट
Jharkhand News Jharkhand Samachar लातेहार के लुकैया मोड़ पर 22 नवंबर 2019 की रात पुलिस गश्ती दल पर हमला कर एक एएसआइ व गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवानों की हत्या के बाद हथियार लूटने मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 34 भाकपा माओवादियों पर आरोपपत्र दाखिल किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Jharkhand Samachar लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र स्थित लुकैया मोड़ पर 22 नवंबर 2019 की रात पुलिस गश्ती पर हमला कर एक एएसआइ व गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवानों की हत्या के बाद हथियार लूटकर फरारी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 34 भाकपा माओवादियों पर पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। ये माओवादी बिहार-झारखंड के निवासी बताए जा रहे हैं। इनमें कई कुख्यात हैं। एनआइए ने रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में यह पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।
दाखिल आरोप पत्र में एनआइए ने बताया है कि अनुसंधान के दौरान यह जानकारी मिली की एक करोड़ रुपये के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य सह बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सचिव अनल दा उर्फ रमेश उर्फ पतिराम मांझी ने माओवादियों के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर लुकैया मोड़ के पास पुलिस गश्ती पार्टी पर हमले की योजना बनाया था। हमले के एक सप्ताह पहले इस हमले की योजना बनी थी। इस योजना को माओवादियों ने बीयरजंघा जंगल में अंतिम रूप दिया था। हमले के लिए तीन अलग-अलग टीम बनी थी।
हमले का नेतृत्व माओवादियों के रिजनल कमांडर रवींद्र गंझू ने किया था। इस हमले का उद्देश्य पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों का हथियार लूटकर अपने संगठन को मजबूत करना और क्षेत्र में पुलिस को कमजोर करना था। अनुसंधान के दौरान एनआइए ने लातेहार में रवींद्र गंझू की 50 लाख रुपये की अचल संपत्ति को जब्त किया। इस घटना में माओवादियों के सहयोगी ठेकेदार मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह को भी एनआइए ने गिरफ्तार किया। इस मामले का अनुसंधान अभी जारी है।
गौरतलब है कि 22 नवंबर 2019 की रात करीब सवा आठ बजे माओवादियों ने गश्ती जीप पर हमला कर एक एएसआइ व तीन गृह रक्षकों की हत्या के बाद हथियार लूट लिया था। इस मामले में घटना के दूसरे ही दिन यानी 23 नवंबर 2019 को लातेहार के चंदवा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लातेहार पुलिस ने अनुसंधान के बाद छह आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल किया था। एनआइए ने इस केस को टेकओवर करते हुए 24 जून 2020 को केस री-रजिस्टर्ड किया था।
इन माओवादियों पर दाखिल किया पूरक आरोप पत्र
- बैजनाथ गंझू, सुनील गंझू, राजेश गंझू, संजय गंझू, नरेश गंझू, फगुना गंझू, रामजीत नगेशिया उर्फ रामू, मृत्युंजय कुमार सिंह उर्फ मृत्युंजय कुमार उर्फ सोनू सिंह, अनल दा उर्फ पतिराम मांझी उर्फ पतिराम मरांडी उर्फ तूफान दा उर्फ तारू मांझी, अजीत उरांव उर्फ चार्लिस उरांव उर्फ चार्लिस उर्फ तूफान जी, सौरभ दा उर्फ मारकुस बाबा उर्फ बीरेंद्र यादव, विमल यादव उर्फ राधेश्याम यादव उर्फ उमेश यादव, नवीन यादव उर्फ सर्वजीत यादव उर्फ विजय यादव, रवींद्र गंझू उर्फ मुकेश गंझू उर्फ रवींद्र उर्फ सुरेंद्र गंझू, बुधेश्वर उरांव उर्फ बुधेश्वर भगत, छोटू खेरवार उर्फ छोटू उर्फ सुजीत खेरवार उर्फ, बिरजू सिंह, अमन गंझू उर्फ अमन भोक्ता उर्फ अमर गंझू उर्फ अनिल गंझू उर्फ काजू उर्फ काजू गुप्ता, नीरज सिंह खेरवार उर्फ संजय खेरवार उर्फ नीरज खेरवार, मृत्युंजय भुईया उर्फ मिथून उर्फ फ्रेश भुईया उर्फ अवधेश, कजेश गंझू, सूरजनाथ खेरवार उर्फ गुड्डू, मनीष यादव उर्फ मनीष, संटू भुईया उर्फ संतोष उर्फ धनंजय उर्फ धनंजय भुईया, नगेंद्र उरांव उर्फ बहिरा, रंथू उरांव उर्फ गुरुचरण, राजेश उरांव, बिशुन दयाल नगेशिया, अनिल तुरी उर्फ उज्जवल, लाजिम अंसारी, शीतल मोची उर्फ शीतल राम उर्फ शीतल रविदास, कुंदन खेरवार उर्फ सुधीर सिंह, जितेंद्र नगेशिया, प्रदीप सिंह खेरवार उर्फ चेरो, नेशनल भोक्ता उर्फ संजीव।