एनआइए ने कुख्यात माओवादी सुनील मांझी को किया गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कुख्यात माओवादी सुनील मांझी उर्फ सुनील मुर्मू उर्फ सुनील सोरेन उर्फ चोपा सोरेन को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। वह गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के लहेरबेड़ा गांव का रहने वाला है और माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य है।
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य में टेरर फंडिग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कुख्यात माओवादी सुनील मांझी उर्फ सुनील मुर्मू उर्फ सुनील सोरेन उर्फ चोपा सोरेन को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। वह गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के लहेरबेड़ा गांव का रहने वाला है और माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य है। वह गिरिडीह के पारसनाथ क्षेत्र में सक्रिय रहा है और क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों से भारी मात्रा में लेवी वसूल चुका है। एनआइए ने गिरफ्तारी के बाद उसे रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया जहां से चार दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति मिली है। अब एनआइए टेरर फंडिग मामले में उससे आगे की जानकारी लेगी।
बताते चलें कि गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र के केसवारी निवासी बनवारी यादव का बेटा सीपीआइ माओवादी का सहयोगी मनोज कुमार 21 जनवरी 2018 को गिरिडीह के डुमरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से लेवी के छह लाख रुपये की बरामदगी हुई थी। वह माओवादियों को लेवी पहुंचाने जा रहा था कि पकड़ा गया था। इस मामले में 22 जनवरी 2018 को गिरिडीह के डुमरी थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच गिरिडीह पुलिस कर रही थी। गिरिडीह पुलिस ने इस मामले में 17 जुलाई 2018 को चार्जशीट दाखिल किया था। इसके बाद सरकार की अनुशंसा पर एनआइए ने नौ जुलाई 2018 को मामला दर्ज किया था। एनआइए अनुसंधान के दौरान ही यह जानकारी मिली थी कि घटना के दिन मनोज कुमार लेवी के रुपयों को सुनील मांझी के पास ले जा रहा था कि पकड़ा गया था। इसके बाद से ही एनआइए को सुनील मांझी की तलाश थी।