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लक्षण वाले संभावित मरीजों व अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की होगी पहले जाच

राज्य ब्यूरो राची राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) झारखंड के अभियान निदेशक रविशकर शुक्ला ने कोरोना वायरस के संक्रमण की सैंपल जाच में लक्षण वाले संभावित मरीजों व अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जाच प्राथमिकता के आधार पर पहले करने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 09:15 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 09:15 PM (IST)
लक्षण वाले संभावित मरीजों व अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की होगी पहले जाच
लक्षण वाले संभावित मरीजों व अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की होगी पहले जाच

राज्य ब्यूरो, राची : राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम), झारखंड के अभियान निदेशक रविशकर शुक्ला ने कोरोना वायरस के संक्रमण की सैंपल जाच में लक्षण वाले संभावित मरीजों व अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जाच प्राथमिकता के आधार पर पहले करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शनिवार को सभी सिविल सर्जनों तथा आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन - पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) लैब के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। इस क्रम में उन्होंने कहा कि सभी लैब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के निर्देशों के आलोक में सैंपल की जाच सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सैंपल की जाच के लिए प्राथमिकता तय की जाए। लक्षण वाले संभावित मरीजों तथा अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की प्राथमिकता के आधार पर जाच सुनिश्चित की जाए।

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स्वास्थ्य सचिव केके सोन के निर्देश पर उन्होंने बड़ी संख्या में सैंपल जाच के लिए लंबित होने को देखते हुए यह बैठक की। उन्होंने निर्धारित क्षमता के अनुसार प्रतिदिन अधिक से अधिक सैंपल जाच करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को समय पर जाच रिपोर्ट मिल सके तथा बैकलॉग कम हो। अभियान निदेशक ने सभी सिविल सर्जनों को सरकारी कोरोना अस्पतालों तथा कोविड केयर सेंटरों में सक्रिय मरीजों के प्रोजेक्शन के आधार पर 25 से 50 फीसद सामान्य बेड, पाच फीसद आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) बेड तथा 10 फीसद ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार करने के निर्देश दिए।

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आयुष्मान भारत में सूचीबद्ध अस्पतालों में 25 फीसद बेड पर कोरोना मरीजों का करना होगा इलाज :

अभियान निदेशक ने शनिवार को ही झारखंड आरोग्य सोसाइटी के सीईओ प्रभात कुमार, राची के एसडीओ तथा एनआइसी के पदाधिकारियों के साथ भी ऑनलाइन बैठक की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध सभी निजी अस्पताल 25 फीसद बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अनिवार्य रूप से सुरक्षित रखेंगे। अभियान निदेशक ने बैठक में पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों के संपर्क में आनेवाले लोगों की पहचान कर उनकी कोरोना जाच, मरीजों को भर्ती करने तथा बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की।

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