एक जनवरी से प्रभावी होगा नया ई वे बिल, समय सीमा घटाए जाने से व्यवसायी वर्ग में चिंता
आरजीटीए कार्यालय में कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रात में वाहनों का आवागमन संभव नही है। अवकाश के दिनों में माल पाने वाली पार्टी माल की डिलीवरी नहीं लेती है।
रांची, जासं। एक जनवरी से प्रभावी होने वाले नए ई वे बिल के नियम से परिवहन और व्यवसायी वर्ग चिंतित है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ई वे बिल की समय सीमा की वैधता घटाई जाएगी। वर्तमान में प्रति 100 किमी तक के लिए वाहन पर लादे गए सामान पर दो दिन के लिए ई वे बिल की समय सीमा है। यह एक जनवरी से मात्र एक दिन की रहेगी। रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस पर चिंता जताई है।
आरजीटीए कार्यालय में कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यों ने इस विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड राज्य में जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं, वहां रात में वाहनों का आवागमन संभव नहीं है। अवकाश के दिनों में माल पाने वाली पार्टी माल की डिलीवरी नहीं लेती है। उस स्थिति में परिवहन व्यवसायी पर जुर्माना लगने की संभावना होगी। राज्य के अंदर ही नहीं, बल्कि लंबी दूरी के लिए भी माल के परिवहन में यही समस्या आएगी।
खुदरा माल का परिवहन इस नियम के अनुसार संभव ही नहीं होगा। एक निश्चित समय सीमा (कम अवधि) के अन्दर सामान को पार्टी के गोदाम तक पहुंचाना कैसे संभव है। मांग की गई कि सरकार इस विषय की व्यावहारिकता को ध्यान रखते हुए नए नियम वापस ले। नया नियम बिल्कुल ही व्यसवहारिक नहीं है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आरजीटीए) इस नए नियम का विरोध करता है। साथ ही केंद्र सरकार से मांग करता है कि नए नियम को वापस लिया जाए। साथ ही राज्य सरकार से मांग करता है कि राज्य की भौगोलिक स्थिति एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से इस नियम को वापस लेने के लिए आग्रह करे।
एक जनवरी से नए नियम के तहत परिवहन व्यवसाय करना मुश्किल
इस संबंध में आरजीटीए के सदस्यों की एक बैठक अगले तीन चार-दिन में होगी। इसमें विरोध की रणनीति तय की जाएगी। बैठक में आरजीटीए के अध्यक्ष एसबी सिंह, सचिव नीरज ग्रोवर, रवींद्र दुबे, प्रभाकर सिंह, अजीत कुमार प्रसाद, ऋषिदेव यादव, दिलबाग शर्मा, राजेश कर्ण, विजय कुमार, राजकिशोर सिंह, अभिषेक जैन, उदित नारायण सिंह, पूर्व अध्य्क्षगण महेंद्र प्रसाद सिंह, संजय जैन, पवन शर्मा, सुनील सिंह चौहान, मदनलाल पारीक आदि थे।