फिर फेंका गया नवजात, संस्था की पहल पर हुआ पोस्टमार्टम
हरमू नदी में बहता देख स्थानीय लोगों ने कर दिया था दफन
रांची : राजधानी रांची में नवजात शिशुओं की हत्या के मामले नहीं रुक रहे। स्वतंत्रता दिवस के दिन बुधवार की सुबह में हरमू मुक्तिधाम के समीप हरमू नदी में नवजात बह रहा था। स्थानीय लोगों नें शव को बाहर निकालकर अरगोड़ा पुलिस को सूचना दी। घंटों शव वहां पड़े रहने के बावजूद पुलिस नहीं पहुंची। आखिर में स्थानीय लोगों ने नवजात के शव को मुक्तिधाम में ही एक किनारे पर दफना दिया गया। इस शव को बिना प्रक्रिया पूरी किए दफनाए जाने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा। परित्यक्त नवजात शिशुओं के लालन-पालन पर काम करने वाली संस्था 'पालोना' की संयोजिका मोनिका आर्य को इसकी जानकारी मिली तो शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस बच्चे के शव को फेंकने वाले का पता भी लगा रही है। बता दें कि इस वर्ष 25 से ज्यादा बच्चों को फेंकने के मामले सामने आए हैं। ----------------
डीसी-एसएसपी को जानकारी के बाद रेस हुई पुलिस बच्चे के शव मिलने पर बिना प्रक्रिया पूरी किए दफनाने की सूचना डीसी और एसएसपी को मिली। इसके बाद एसएसपी ने पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। गुरुवार को अरगोड़ा सीओ बतौर मजिस्ट्रेट पहुंची और शव को निकलवाया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम करवाया गया। --------
फेंकने के बजाय सौंप दें पालोना की संयोजिका मोनिका आर्य ने कहा है कि बच्चों की हत्या कर फेंकने के बजाए उन्हें सौंप देना चाहिए। सरकार को इसके लिए विकल्प और सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए। हर व्यक्ति के बीच जागरुकता फैलाई जाए। ताकि बच्चों को मारकर या जिंदा फेंकने जैसी अपराध में कमी आए और नवजात को जिंदगी मिल सके। इस बच्चे के शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम व केस कराया जाने का मकसद इन घटनाओं में कमी लाना है। ----- बॉक्स -- ------
रांची में नवजातों को फेंकने के प्रमुख मामले :
-11 जुलाई 2018 को नामकुम के स्वर्णरेख नदी में नवजात की हत्या कर फेंक दिया गया था। उसके गले में जूते का फीता बंधा था।
-26 मार्च 2018 को रांची खेलगांव के सैनिक कॉलोनी स्थित एक गढ्डे में दफनाया गया नवजात का शव बरामद किया गया।
-21 जनवरी 2017 को राची के बेड़ो में एक मा द्वारा अपनी बच्ची को कुल्हाड़ी से काट दिया गया।
-21 जुलाई 2017 को रांची में जुड़वा बच्चों का शव मिला।
-09 मार्च 2015 को अरगोड़ा में चलती ट्रेन से तीन माह की एक बच्ची को फेंक दिया।
-18 अप्रैल 2015 को एक नवजात बच्ची को जिंदा जमीन में दफना दिया गया था। उसका गले से ऊपर का हिस्सा बाहर था, जिसे चींटिया नोंच रहीं थीं।
-अप्रैल 2015 में रांची के बुढ़मू में एक बच्ची को उसी की मा ने कुएं में फेंक दिया था।