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Network Problems: उधर नहीं इधर पकड़ेगा नेटवर्क, पेड़ पर चढ़ मोबाइल नेटवर्क की तलाश कर रहे युवा

Network Problems हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र में मोबाइल का नेटवर्क तलाशने के लिए युवक व छात्र एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते नजर आते हैं। जहां नेटवर्क पकड़ता है युवा उस ओर दौड़ लगा देते हैैं।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 12:14 AM (IST)
Network Problems: उधर नहीं इधर पकड़ेगा नेटवर्क, पेड़ पर चढ़ मोबाइल नेटवर्क की तलाश कर रहे युवा
मोबाइल का नेटवर्क तलाशने के लिए युवक एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते नजर आते हैैं।

टाटीझरिया (हजारीबाग),जासं। हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र में मोबाइल का नेटवर्क तलाशने के लिए युवक व छात्र एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते नजर आते हैं। जहां नेटवर्क पकड़ता है, युवा उस ओर दौड़ लगा देते हैैं। लेकिन कुछ देर बाद पता चलता है कि वहां भी सिग्नल कमजोर हो गया है। ऐसा हाल पिछले दो माह से प्रखंड क्षेत्र में बना है। यहां विभिन्न कंपनियों का मोबाइल नेटवर्क ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है। मोबाइल धारक युवा नेटवर्क ढूंढते-ढूंढते कभी छत पर चहलकदमी करते हैं तो कभी पेड़ पर इस डाली से उस डाली छलांग लगाते नजर आते हैैं।

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आजकल लाकडाउन के समय विद्यार्थियों की परीक्षाएं और क्लास भी आनलाइन हो रही हैं। मोबाइल पर ही पढ़ाई निर्भर है। ऐसे में ये पेड़ पर नहीं चढ़ेंगे तो पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। टाटीझरिया निवासी ङ्क्षपटू चौधरी, खंभवा निवासी अजय ङ्क्षसह, बांडीह निवासी प्रकाश प्रजापति, धरमपुर निवासी राजेश यादव, डीलर गणेश गोप, अरुण ङ्क्षसह, अरुण राम, जगदेव प्रसाद आदि ने कहा कि लोग नेटवर्क की समस्या से परेशान हैैं। बच्चों को पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क तलाशना पड़ता है।

ग्रामीण बच्चे भी जुड़ रहे आनलाइन क्लास से

चरही( हजारीबाग),संसू। कोरोना महामारी के कारण स्कूल कालेज बंद हैैं। विकल्प के रूप में आनलाइन पढ़ाई ही है। कोरोना की पहली लहर में आनलाइन क्लास की व्यवस्था इने - गिने बच्चों के पास थी। दूसरी लहर आते ही पढऩे और पढ़ाने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच आनलाइन क्लासेज कड़ी बन गई। धीरे धीरे ग्रामीण क्षेत्र में भी आनलाइन क्लास की व्यवस्था देखने को मिल रही है। वैसे तो गरीब तबके के बच्चों के पास अब भी काफी मुश्किलें हैैं। इसके बावजूद भी आनलाइन क्लास के लिए सुबह से बच्चे तैयार होकर बैठ जाते हैं। कभी-कभी तो एक ही मोबाइल पर दो तीन बच्चे जमा होकर पढ़ाई करते हैैं।

नेटवर्क के कारण कभी-कभी परेशानी होती है। चुरचू के बीईईओ मुरारी शाही ने बताया कि हम चुरचू के एक स्कूल में गए थे। वहां एक छठे वर्ग का छात्र ओरिया के आकाश कुमार की मां और उसकी बहन मोबाइल के साथ मेरे पास आई। भावुक होकर बोली कि मेरे बेटे आकाश को भी आनलाइन क्लास से जोड़ दीजिए सर! उनकी इस बात से मैं भी काफी भावुक हो गया। खुशी भी हुई कि अब दूरुस्थ क्षेत्र में बच्चे पढऩे के लिए कितने आतुर हैं।


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