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Jharkhand: जहां DGP के नाम पर मांगे जाते हैं पैसे, झारखंड पुलिस को औकात बता रहे अपराधी

Jharkhand News झारखंड में अपराधियों का मनोबल ऊंचा है। वे यहां के डीजीपी के नाम पर पैसे मांग कर पुलिस सिस्‍टम को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। साइबर अपराधी एक साल के भीतर अब तक आइएएस आइपीएस सहित दर्जनभर से अधिक अधिकारियों के फेसबुक का क्लोन बना चुके हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:02 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 07:12 AM (IST)
Jharkhand: जहां DGP के नाम पर मांगे जाते हैं पैसे, झारखंड पुलिस को औकात बता रहे अपराधी
Jharkhand News: झारखंड के डीजीपी के नाम पर पैसे मांग कर अपराधी पुलिस सिस्‍टम को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारांड में साइबर अपराधियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वे जिसका चाहें फेसबुक आइडी बना लें। एक साल में दर्जनभर से अधिक पुलिस अधिकारियों, नामचीन हस्तियों के फेसबुक आइडी का क्लोन बना लिए, लेकिन पुलिस का साइबर सेल उन तक पहुंच भी नहीं सका। अब नया मामला झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा का आया है। साइबर अपराधियों ने डीजीपी का भी फर्जी फेसबुक आइडी बना लिया और उनके मित्र सूची वाले दोस्तों को फिर से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, उस फेसबुक आइडी से साइबर अपराधी ने फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने वाले से मैसेंजर पर रुपये मांगना भी शुरू कर दिया।

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ऐन वक्त पर डीजीपी को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने अपने फेसबुक पर एक मैसेज पोस्टकर लोगों को अपने फर्जी फेसबुक खाते की जानकारी दी और आग्रह किया कि उस फेसबुक अकाउंट से आए फ्रेंड रिक्वेस्ट को नहीं स्वीकारें। इस मामले में डीजीपी के आदेश पर रांची के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। पूरे मामले में अनुसंधान तेज है और साइबर अपराधियों की तलाश जारी है।

पिछले एक साल से आए दिन साइबर अपराधी लोगों के फेसबुक आइडी का क्लोन बनाकर उनके मित्र सूची के लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। मित्र बनते ही तबीयत खराब, अस्पताल में भर्ती और अति आवश्यक कार्य का झांसा देकर रुपयों की मांग करते हैं। ये अपराधी यह भी कहते हैं कि शाम तक या कल सुबह तक रुपये वापस कर देंगे। इसी बहाने कोई झांसे में फंस गया तो उससे रुपये ठगकर वह आइडी क्लोज बंद कर देते हैं।

डीजीपी ने अपनी मूल आइडी से लोगों को किया सचेत

डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपने मूल आइडी पर एक पोस्ट किया। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी ने फोन कर उनके फर्जी फेसबुक आइडी की जानकारी दी। फर्जी फेसबुक आइडी में उनकी तस्वीर का उपयोग किया गया था। उन्होंने उक्त आइडी से आने वाले किसी तरह के मैसेज को गंभीरता से नहीं लेने का अनुरोध किया है।

रुपये को लेकर मैसेज आए तो कॉल कर सत्यापित कर लें

विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भी किसी फेसबुक आइडी से मदद के नाम पर रुपये मांगे जाएं तो पहले उस व्यक्ति के मोबाइल या किसी संपर्क नंबर पर उससे कॉल कर लें। हकीकत का पता चल जाएगा। आपके फेसबुक का क्लोन आइडी साइबर अपराधी तब ही नहीं बना पाएगा, जब आपके आइडी की प्राइवेसी सेटिंग मजबूत हो। अपना आइडी वनली मी या वनली फ्रेंड में रखेंगे तो साइबर अपराधी आपकी आइडी में नहीं प्रवेश कर पाएंगे। साइबर अपराधियों से बचाव का एक ही उपाय है, खुद सुरक्षित रहें।

सिर्फ कोल्हान के डीआइजी ने ही दर्ज कराई थी प्राथमिकी

गत वर्ष कोल्हान के डीआइजी राजीव रंजन का फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर लोगों को अभी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा ही जा रहा था कि उन्हें इसकी भनक लग गई। उन्होंने इस मामले में चाईबासा के टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी और अपने मूल फेसबुक वाल पर उक्त आइडी से सतर्क रहने के लिए अपने सभी मित्रों को आगाह किया था। इस मामले में जांच भी हुई थी, जिसमें इस अपराध का लिंक पंजाब व हरियाणा से मिला था। हालांकि, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पुलिस इसके अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है। 

इनका भी पूर्व में बन चुका है फर्जी फेसबुक आइडी

रांची के उपायुक्त छवि रंजन, बोकारो के पूर्व उपायुक्त मुकेश कुमार, डीएसपी कमल किशोर, डीएसपी नेहालुद्दीन, पूर्व डीएसपी अरविंद कुमार, पुलिस मुख्यालय के इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार वर्मा, इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद, डेलीमार्केट थानेदार राजेश कुमार सिन्हा, दारोगा अवधेश कुमार, दारोगा मोहन कुमार, सदर थाना के एएसआइ, चतरा के एक विधायक आदि का बन चुका है फर्जी फेसबुक आइडी। 


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